तकनीकी कारणों से ऑक्सीजन का फ्लो रुका, एक घंटे में हो पाया ठीक
जींद। वेंटीलेटरों में पर्याप्त रूप से ऑक्सीजन न पहुंचने के कारण नागरिक अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई। अस्पताल में 9 मरीज वेंटीलेटर व 25 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। बुधवार रात को अचानक ही नए भवन के साथ लगते प्लांट में कोई तकनीकी खराबी आने की वजह से ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो गई।
प्लांट में मौजूद सिलेंडरों के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की गई, लेकिन सिलेंडरों से वेंटीलेटर को उतना प्रेशर नहीं मिल सका जिससे वेंटीलेटर पूरी तरह से काम कर सकें। वेंटीलेटर में ऑक्सीजन पूरी न पहुंचने के कारण गांव रधाना, राजनगर व इसराना के एक-एक कोरोना पॉजिटिव की थोड़ी-थोड़ी देर के बाद मौत हो गई। अस्पताल स्टाफ के मुताबिक स्वास्थ्य कर्मी तीनों मरीजों को वेंटीलेटर से हटाकर ऑक्सीजन स्पॉट पर ले गए थे, लेकिन उनकी हालत गंभीर हो गई थी इसलिए उनकी जान को बचाया नहीं जा सका।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि बुधवार शाम को नए भवन के वार्ड में सब ठीक चल रहा था। एकाएक प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो गई। पता चलते ही तकनीकी कर्मचारियों ने प्लांट में आई खराबी को देखा मगर उसे ठीक करने में तकरीबन एक घंटे का समय लग गया। इस दौरान मरीजों को परेशानी न हो इसलिए सिलेंडरों के जरिए पाइप लाइन में ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की गई। जिस समय प्लांट में यह दिक्कत आई उस समय करीब नौ मरीज वेंटीलेटर पर व 25 के करीब मरीज ऑक्सीजन स्पॉट पर थे।
सिलेंडरों से ऑक्सीजन स्पॉट पर मौजूद मरीजों को तो ऑक्सीजन मिलने लगी, लेकिन वेंटीलेटर के अनुरूप ऑक्सीजन का प्रेशर नहीं होने के कारण वह नहीं चल पाए। जब तक ऑक्सीजन की स्थिति ठीक होती तब तक तीन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जान जा चुकी थी।
डीसी डॉ. आदित्य दहिया ने बताया कि प्लांट में तकनीकी खराबी के चलते कुछ दिक्कत आ गई थी। उसे थोड़ी देर के बाद ठीक कर लिया गया था। उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. मनजीत सिंह को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी।