चंडीगढ़, 16 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चार लाख से अधिक केस लंबित हैं। इनमें कई ऐसे हैं जिनको 20 वर्ष से अधिक का समय हो गया है। जजों की कमी के कारण भी केसों की पेंडेंसी बढ़ी है। अब हाई कोर्ट को 11 और जज मिल गए हैं। इससे जल्द न्याय की उम्मीद बंधी है। सुप्रीम कोर्ट कोलोजियम की सिफारिश पर रविवार को केंद्र सरकार के विधि मंत्रालय ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के 11 वकीलों को एडीशनल जज नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की थी। जिसके बाद मंगलवार को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा ने निधी गुप्ता, संजय वशिष्ठ, त्रिभुवन दहिया, नामित कुमार, हरकेश मनुजा, अमन चौधरी, नरेश सिंह शेखावत, हर्ष बुंगर, जगमोहन बंसल, दीपक मनचंदा और आलोक जैन को जज के तौर पर शपथ दिलाई। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट काफी समय से जजों की कमी व लाखों लंबित केस का सामना कर रहा है। हाई कोर्ट में अभी भी करीब साढ़े चार लाख के केस लंबित है, जबकि जजों के 28 पद खाली हैं। आज तक हाई कोर्ट में कभी भी पूरी संख्या में जजों की नियुक्ति नहीं हो पाई। पहले हाई कोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 68 थी जिसे कुछ साल पहले बढ़ाकर 85 कर दिया, लेकिन हैरानी की बात यह है कि 85 तो दूर की बात आज तक हाई कोर्ट में कभी भी कार्यरत जजों की संख्या 68 तक नहीं पंहुची।
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