डेरा सच्चा सौदा चीफ को बार-बार पैरोल और मेडिकल लीव जैसी छूट दिए जाने के खिलाफ शहीद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखा खत
सिरसा/फतेहाबाद। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड व साध्वी बलात्कार मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सुनारिया जेल से बार-बार पैरोल व मेडिकल लीव जैसी छूट दिए जाने पर रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने जेल प्रशासन व हरियाणा सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक याचना पत्र पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को लिखा है जिसमें मुख्य न्यायाधीश से गुजारिश की गई है कि वे उक्त मामले में पूर्व की भांति दखलअंदाजी कर हरियाणा सरकार व प्रशासन से जवाब तलबी करें।
अगस्त 2017 में रची गई थी पूरे हरियाणा को हिंसाग्रस्त करने की साजिश
अगस्त 2017 में जिस तरीके से सीबीआई अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के दौरान डेरा प्रमुख के इशारे पर पूरे हरियाणा व उत्तर भारत को हिंसा ग्रस्त करने की साजिश रची गई और उसके बाद पैदा हुए हालातों को कंट्रोल करने के लिए उच्च न्यायालय को दखल देना पड़ा और 40 लोगों की जान चली गई, अरबों-करोड़ों की संपत्ति तहस-नहस हुई और मीडिया के बहुत सारे वाहनों व मीडिया हाउसेस की ओबी वैन को जलाकर राख कर दिया गया किया। उक्त मामले में उच्च न्यायालय ने कई महीनों तक लगातार सुनवाई की और हरियाणा सरकार और प्रशासन की नाकामी के लिए उन्हें कोसा और इन दंगों का जिम्मेदार डेरा सच्चा सौदा के साथ-साथ हरियाणा सरकार को भी ठहराया।
सरकार की शह पर फिर से मेदांता अस्पताल व मानेसर फार्म हाउस में साजिश रचे जाने का खेल जारी है : अंशुल
अंशुल छत्रपति ने कहा कि उच्च न्यायालय की इस सारी एक्सरसाइज के कोई मायने नहीं रह जाएंगे यदि हरियाणा सरकार व प्रशासन दोबारा फिर से इस तरह की ‘बदमाशी’ कर इस खतरनाक अपराधी को इसी तरीके से खुल्ला घुमाते रही और मां की बीमारी व इलाज के बहाने कभी फार्म हाउस की ‘सैर’ तो कभी ‘फाइव स्टार’ हॉस्पिटल में इलाज करवाने की छूट दी गई तो वह दिन दूर नहीं की अगस्त 2017 की तरह हिंसा दंगों की फिर से पुनरावृति हो। उन्होंने कहा कि पंचकूला दंगों के दौरान पुलिस के आला अधिकारियों ने बार-बार मीडिया के सामने यह बात कबूली कि दंगे बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा थे जिसकी सूत्रधार डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के साथ साथ हनीप्रीत व डॉ आदित्य आदि भी थे। तब भी सरकार की शह पर फिर से मेदांता अस्पताल व मानेसर फार्म हाउस में इस तरह की साजिश रचे जाने का खेल जारी है, जिस पर अदालत रोक लगाए और सरकार और प्रशासन से जवाब तलबी करें।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को किसी भी बहाने से जेल से बाहर नहीं निकाला जाना चाहिए : छत्रपति
अंशुल छत्रपति ने कहा कि इससे पूर्व डेरा प्रमुख की बहुत सी याचिकाएं सिरसा जिला प्रशासन व रोहतक जिला प्रशासन की ओर से यह कहकर खारिज की गई कि उसके बाहर आने से लॉ एंड ऑर्डर की समस्या खड़ी हो सकती है उन्होंने कहा कि आज भी समस्या जस की तस है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को किसी भी बहाने से जेल से बाहर नहीं निकाला जाना चाहिए ताकि प्रदेश का अमन-चैन फिर से खराब ना हो और अदालत डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को इलाज के बहाने मेदांता अस्पताल में रखे जाने वाले वार्ड की सीसीटीवी की मॉनिटरिंग करें।