अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जिला में 50 स्थानों पर एक साथ आयोजित हुए योग कार्यक्रम, योग हमारी परंपरा व संस्कार : डीसी
फतेहाबाद, 21 जून। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सोमवार को भोडिया खेड़ा खेल स्टेडियम में जिला स्तरीय योगा कार्यक्रम आयोजित किया गया। डीसी महावीर कौशिक, एडीसी डॉ. मुनीष नागपाल ने महर्षि पतंजलि की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिला स्तरीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल व कॉमन योग प्रोटोकोल का प्रसारण यूट्यूब लाइव के माध्यम से हुआ। सभी डिजीटल माध्यम से आयुष फतेहाबाद व डीआईपीआरओ के फेसबुक एकाउंट पर लाइव प्रसारण किया गया।
सिरसा लोकसभा क्षेत्र की सांसद सुनीता दुग्गल जिला स्तरीय योग दिवस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़ी व कार्यक्रम को संबोधित किया। सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि योग एक परंपरा हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयासों से हम इसे विश्वस्तर पर मनवाने व योग को विश्व पटल पर लाने में कामयाब हुए। योग का अर्थ हैं जोडऩा चाहे वह प्रकृति से हो या ईश्वर से। उन्होंने कहा कि आसन हमें शारीरिक रुप से मजबूत बनाते हैं तो प्राणायाम से प्राणों को आयाम मिलता है, मन को स्थिर व संयमित बनाने में सहयोग मिलता है, ध्यान मन, बुद्धि व आत्मा को एकाकार कर एक दिशा में लगाता है, विचित्र ऊर्जा का संचार करता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें प्रकृति से सिर्फ लेना ही नहीं बल्कि देना भी है। उन्होंने अपील की कि सभी को अपने जीवन काल में 100 पेड़ अवश्य लगाने चाहिए।
डीसी महावीर कौशिक ने जिलावासियों को योग दिवस की शुभकामनाएं दी और योग की उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि योग हमारी परंपरा व संस्कार है। योग की महत्ता आज भी कायम है। डीसी ने रिसर्च का हवाला देते हुए कहा कि कोविड बीमारी की नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी काफी दिन तक रोगी में उसका असर रहता है चाहे वो शारीरिक दुर्बलता के रुप में हो या मानसिक अवसाद के रुप में या पोस्ट कोविड कॉम्पलिकेशन के रुप में, ऐसे समय में योग व प्राणायाम एक अच्छा विकल्प है स्वास्थ्य लाभ पाने का। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान की प्रोन पोजिशन में लेटकर ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने को यौगिक आसनों के रूप में पेट के बल लेटकर करने पर ये और भी प्रभावकारी रुप से कारगर हो सकता है जैसे मकरासन।
डीसी ने कहा कि आज के दिन ही हमें योग नहीं करना अपितु हर रोज घर पर परिवार के साथ योग करना चाहिए। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि कोरोना का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। लॉकडाउन में आमजन मानस द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालन करने से कोरोना की रफ्तार कम पड़ गई है। कोरोना महामारी से बचने के लिए मास्क का प्रयोग जरुरी है। इस अवसर पर उन्होंने सभी पतंजलि योगापीठ के पदाधिकारियों का आभार जताया। सभी प्रतिभागियों ने स्वस्ति वाचन के बाद शिथिलीकरण, सूक्ष्म व्यायाम, विभिन्न आसन खड़े होकर, बैठकर, पेट के बल लेटकर, पीठ के बल लेटकर योगासन किए गए। तत्पश्चात कपालभाति, भ्रामरी, शीतली एवं अनुलोम-विलोम प्राणायाम के बाद शपथ व योग गीत के साथ प्रोटोकोल की समाप्ति की। कुछ प्रतिभागियों ने बाद में जटिल आसन भी करके दिखाए। छोटी योग साधिका हिमांशी के शरीर की लचक देखते ही बनती थी उसके द्वारा किए गए कठिन योगासनों को देख सभी की तालियां थम नहीं रही थी बाद में चारु, योगेश व हितेश ने योग पर लयात्मक प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को आयुष विभाग की ओर से पारिजात वृक्ष के पौधे स्मृति बनाए रखने के लिए उपहार में दिए गए व प्रकृति से जुडऩे के लिए प्रतीकात्मक संदेश दिया गया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूरे जिले में 50 स्थानों पर प्रशासन के सहयोग से 7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जिप सीईओ अजय चोपड़ा, एसडीएम कुलभूषण बंसल, डीआईओ सिकंदर, डीएसओ जगजीत सिंह मलिक, जिला रेडक्रॉस सचिव नरेश झांझड़ा, योग विशेषज्ञा अंबिका पांटा, डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. राजेश सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।