डीसी ने बैठक लेकर की चिन्हित अपराध योजना की समीक्षा, दिए आवश्यक दिशा निर्देश

फतेहाबाद, 7 जुलाई। डीसी महावीर कौशिक की अध्यक्षता में एनडीपीएस सहित चिन्ह्ति अपराधों से संबंधित कोर्ट में चल रहे केसों के संबंध में पुलिस विभाग सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। संंबंधित विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए डीसी महावीर कौशिक व पुलिस कप्तान राजेश कुमार ने गहनता से विचार विमर्श किया।
इस मौके पर डीसी ने पुलिस व न्यायवादी विभाग से कहा है कि वे एनडीपीएस सहित कोर्ट में चल रहे केसों पर तकनीकी पहलूओं का अध्ययन कर पैरवी करें, ताकि अपराधियों को कड़ी सजा दिलवाई जा सके। डीसी ने अधिकारियों के साथ चिन्ह्ति अपराध योजना की समीक्षा करते हुए उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में मामलों से संबंधित बचाव साक्ष्य और तकनीकी कानूनी पहलुओं बारे विचार विमर्श किया गया। डीसी ने कहा कि नियमानुसार संबंधित अधिकारी चिन्ह्ति अपराध योजना के लिए उचित कानूनी कार्रवाई अमल में लाएं। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा चिन्ह्ति अपराधों के गवाहों व आरटीआई एक्टीविस्ट को सहायता मुहैया करवाई जाती है, इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही व कौताही न बरतें। मामले जो चिन्हित अपराध योजना व आरटीआई एक्टीविस्ट के तहत आने वाले मामलों की पुलिस विभाग पूरी गहनता से जांच कर रिपोर्ट तैयार करें। ऐसे मामलों की जांच संबंधित पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट बारे कमेटी के समक्ष अवश्य अवगत करवाया जाए। तकनीकी पहलूओं और साक्ष्यों को पैरवी के दौरान मजबूत तरीके से रखे जाएं।
डीसी ने कहा कि अकसर यह देखने में आता है कि कोर्ट में केस की मजबूत पैरवी न होने के कारण अपराधी बच जाते हैं। साक्ष्यों के अभाव और कमजोर पैरवी के कारण ये केस न्यायालय में टिक नहीं पाते। इसलिए कानूनी तकनीकी और विभिन्न प्रकार के केसों में साक्ष्यों के बचाव और उनकी सुरक्षा तथा कानूनी पहलुओं द्वारा मजबूत पैरवी संबंधित अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए कि कोई मामला अगर आता है तो उस पर निष्पक्ष रुप से जांच की जाए, जांच के हर पहलु को बारिकी से परखा जाए। उन्होंने सनसनीखेज अपराधों पर भी समीक्षा की और पुलिस विभाग के अधिकारी से कहा कि ऐसे केसों को भी चिह्निïत अपराध के तहत लिए जाए और मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और केस दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए। बैठक में पुलिस कप्तान राजेश कुमार, जिला न्यायवादी पूनम वर्मा आदि ने अपने सुझाव रखे।