
फतेहाबाद, 16 जुलाई। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) कार्यकारिणी की बैठक आज स्थानीय जाट धर्मशाला में हुई। बैठक में काफी संख्या में किसान नेताओं ने भाग लिया और सभी ने एकमत होकर किसान हितों को लेकर काम कर रहे प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा सात दिन के लिए सस्पेंड करने के फैसला को गलत बताया। बैठक की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन से मांगेराम हसंगा, बलवान सिंह सांचला, भगवान पाल सिंह, राजेश खलेरी व महेन्द्र सिंह पारतां ने संयुक्त रूप से की। बैठक में किसान आंदोलन को लेकर विस्तार से चर्चा की गई और आगामी रणनीति बनाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया कि भारतीय किसान यूनियन के सदस्य गांव-गांव जाकर किसानों, मजदूरों को उनके हकों को लेकर जागरूक करेंगे वहीं उन्हें भाजपा सरकार की किसान-मजदूर विरोधी नीतियों से अवगत करवाया जाएगा और प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार के खिलाफ सभी संगठन एकजुट होकर संघर्ष करेंगे। यूनियन के हलका प्रधान संदीप काजला बिसला ने बताया कि काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसान व मजदूर पिछले 8 माह से शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार किसानों से बातचीत कर समस्या का समाधान करने की बजाय हठधर्मिता अपनाए हुए है। बैठक में मौजूद किसान नेताओं ने गुरनाम सिंह चढूनी को एक सप्ताह के लिए सस्पेंड करने की कार्यवाही को गलत ठहराया और कहा कि गुरनाम सिंह चढूनी ने कुछ गलत ब्यान नहीं दिया। वे हमेशा किसान हितों की आवाज उठाते रहे हैं। भविष्य में भी वे जो भी फैसला करेंगे, प्रदेश के किसान उनके साथ खड़े हैं। जब तक सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती, किसानों का आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा। संदीप काजला ने बताया कि आगामी रणनीति बनाने को लेकर भारतीय किसान यूनियन की बैठक 16 अगस्त को बुलाई गई है। इस अवसर पर गुरप्रीत भोला, बलवान सांचला, राजबीर दहिया, कैप्टन रामकृष्ण हसंगा, रमेश कम्बोज दरियापुर, जयपाल मेहला, विजय जाखड़, संदीप गोरछिया, बृजलाल, सतपाल पंवार, सतबीर गोदारा, विरेन्द्र काहलो, सीनू शेरगिल सहित भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अनेक सदस्य मौजूद रहे।