गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और टपरिवास समुदाय की लड़कियों के विवाह के अवसर पर शगुन के तौर पर राज्य सरकार देगी 71 हजार रुपए
चंडीगढ़, 16 सितंबर। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को दी जाने वाली शगुन की राशि में बढ़ोतरी की है। योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा टपरिवास समुदाय के परिवारों को लड़की के विवाह के अवसर पर कन्यादान के तौर पर अब 71 हजार रुपए की राशि दी जा रही है।
यह जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग द्वारा गरीब एवं जरूरतमंद लोगों के कल्याणार्थ विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्त्रम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति तथा टपरिवास समुदाय के लोग जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं, उनकी लड़कियों के शादी के अवसर पर दी जाने वाली शगुन की राशि को 51 हजार से बढ़ाकर 71 हजार रुपये कर दिया गया है। अब इस योजना के तहत शगुन के तौर 66 हजार रुपये की राशि शादी के अवसर पर या उससे पहले तथा 5 हजार रुपये की राशि शादी का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जमा करवाने के उपरांत 6 महीने के भीतर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत प्रदेश के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को मिलने वाली शगुन की राशि को भी बढ़ाकर अब 31 हजार रुपये कर दिया गया है। इससे पहले ऐसे पात्र व्यक्तियों को 11 हजार रुपये राशि कन्यादान के तौर पर दी जाती थी। उन्होंने बताया कि बीपीएल परिवारों की लड़कियों को उनकी शादी के अवसर पर या उससे पहले 28 हजार रुपये तथा 3 हजार रुपये की राशि शादी का पंजीकरण जमा कराने के उपरांत दी जाएगी।
इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के उन परिवारों जिनकी सालाना आमदनी 1 लाख 80 हजार से कम है उन्हे भी कन्यादान के तौर पर 31 हजार दिए जा रहें है।