प्रेस कांफ्रेंस में एसपी ने कहा – हमारा काम निष्पक्ष जांच करना है। किसी को बचाना या फंसाना नहीं
करनाल (जन सरोकार ब्यूरो)। करनाल के गांव कमालपुरा में 5 साल के बच्चे जश की गला दबाकार की गई बहुचर्चित हत्या के मामले में आज करनाल के एसपी गंगाराम पुनियां ने प्रेस कांफ्रेंस की और अब तक हुई जांच के तौर-तरीकों और हर पहलू पर डिटेल में मीडियाकर्मियों को जानकारी दी। एसपी ने बताया कि बच्चे की हत्या मामले में जांच के दौरान कोई रंजिश या साजिश सामने नहीं आई है। एसपी ने बताया कि मानसिक रूप से बीमार बच्चे की चाची अंजलि ने जिस समय हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया, तब वह टीवी पर सीआईडी सीरियल देख रही थी और सीरियल पर मर्डर का सीन आया तो उसने अपने पास ही खेल रहे जश की मोबाइल की तार से गला घोंट कर हत्या कर दी। साथ ही, एसपी गंगाराम पुनियां ने यह भी बताया कि पूरी जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाई गई है और जांच पूरे वैज्ञानिक आधार पर की गई है। एसपी गंगाराम पुनिया ने कहा कि परिजनों के संतुष्ट करवाया जाएगा। हत्या के आरोप में गिरफ्तार बच्चे की चाची अंजलि, शव खुर्दबुर्द करने वाली ताई धनवंती और दादी सौरनदे को शुक्रवार को कोर्ट के आदेश पर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
एसपी गंगाराम पुनिया ने बताया कि पुलिस ने परिजनों के शक के आधार पर राजेश के परिवार के सदस्यों को हिरासत में लिया। पूछताछ में सामने आया कि सुबह उनके घर अंजली आई और बोली की पूरे गांव की चेकिंग हो चुकी है। अब अपने ही कुछ घर बचे हैं। इनकी जांच होगी। तुम भी एक बार अंदर, बाहर ऊपर नजर फेर लो। धनवंती ने देखा तो उनकी छत पर बैग में जश का शव मिला। वो तुरंत नीचे आई और अपनी सास सौरनदे को बताया। ऐसा सुनते ही सौरनदे धनवंती के साथ ऊपर आई और बोली कि बैग यहां है तो हम फंसेगे। इतना बोलते ही बैग को पड़ोसियों की तरफ फेंक दिया। इसके बाद पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया तो पता चला कि अंतिम बार बच्चे को अंजलि के पास देखा गया। फिर उन्होंने अंजलि को हिरासत में लिया।
एसपी ने बताया कि पुलिस की जांच में सामने आया कि 5 अप्रैल को अंजलि के घर पर जश व उसकी बहन खेलने पहुंची थी। उसने जश को खेलने के लिए मोबाइल दे दिया। तब टीवी चला हुआ था। खेलने के लिए मोबाइल न मिलने के कारण जश की बहन वहां से चली गई। तब टीवी में सीआईडी सीरियल देख रही थी, जिसमें मर्डर का सीन आया। इसी दौरान अंजलि के हाथ में मोबाइल की वायर थी, जिसके साथ उसने जश का गला दबा दिया। जब वायर ढीली की तो जश ठीक था। इसके बाद वो डर गई कि जश घर जाकर पूरी घटना को बताएगा। इस डर में उसने दोबारा से जश का गला दबाया और उसको मार दिया। मारकर बैड के नीचे रखा हुआ था।
एसपी ने बताया कि पुलिस ने बैड से लकड़ी के टुकड़े के सेंपल की रिपोर्ट ली, इस पर मानव ब्लड मिला। बैड की चादर बरामद की। जिस बैग में शव डाला गया। उसे बरामद किया। उसकी लैब से जांच रिपोर्ट भी मानव खून बता रही है। अंजली ने जश की चप्पल, मोबाइल वायर बरामद करवाई। इस पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी भी करवाई गई। अंजली का 5 दिन का रिमांड हासिल किया गया। जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेजा है। वहीं सौरनदे और धनवंती को एक दिन के रिमांड के बाद न्यायिक हिरासत में भेज गया।
एसपी गंगाराम पुनिया ने बताया कि हमें अंजलि के अलग-अलग अस्पताल की रिपोर्ट मिली। संबंधित अस्पताल से भी जांच की गई। कल्पना चावला के बोर्ड से भी जांच करवाई है। पुराने मेडिकल के इतिहास व बार-बार गुस्सा आने की वजह ही है। बोर्ड ने कहा कि विस्तृत रिपोर्ट के लिए कई दिनों तक निगरानी में रखना होगा, जो अभी बाकी है। इसकी डिटेल रिपोर्ट प्राप्त करेंगे ताकि इसका लाभ ना मिले। जेल सुप्रीडेंट को भी इस बारे में अवगत करवाया जाएगा। बोर्ड की तरफ पूरा एक्जीमेशन रखेंगे। पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी भी करवाई गई है। सीडी हमारे पास मौजूद हैं। सिर के आसपास सूजन है। सिर्फ गले पर तार से दबाने का निशान पाया गया। इसके अलावा कोई निशान नहीं मिले। ना ही बच्चे को कोई ड्रग या नशीला पदार्थ नहीं दिया गया। पुलिस ने राजेश, अंजलि के पति लवली और अजंलि के फोन को लैब में भेजे हैं। ताकि हर बात का पता चल सके। अंजलि व लवली के फोनों से चेटिंग डिलेट है। यदि जांच में ऐसा कोई बिंदू सामने आता है जो अपराध माना जाए तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा। हमारा काम निष्पक्ष जांच करना है। किसी को बचाना या फंसाना नहीं है। कोई भी पक्ष हो, यदि पुलिस को लगेगा कि इनको सुरक्षा की जरुरत है तो उसको सुरक्षा दी जाएगी।