एनएचएम कर्मचारियों ने मांगे न माने जाने पर आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी

फतेहाबाद।
नेशनल हैल्थ मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत जिलेभर के कर्मचारी वीरवार को हड़ताल पर रहे। हड़ताल में सुबह, शाम व रात्रि तीनों शिफ्टों के कर्मचारियों ने भाग लिया और कामकाज ठप्प रखा। हड़ताल के कारण अस्पताल में आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा वहीं प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के तहत आयोजित कैम्प के अलावा एमरजेंसी वार्ड, लेबर रूम व न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भी कामकाज प्रभावित रहा। हड़ताल पर गए एनएचएम कर्मचारियों ने नागरिक अस्पताल के बाहर धरना दिया और नारेबाजी कर सरकार ने उनकी लंबित मांगों को तुरंत पूरा करते हुए लागू करने की मांग की। धरने की अध्यक्षता स्वास्थ्य कर्मचारी संघ हरियाणा संबंधित भारतीय मजदूर संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन शर्मा ने की जबकि मुख्य वक्ता के तौर पर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश कुमार टोहाना ने भाग लिया। एनएचएम कर्मचारियों ने कहा कि यदि अब भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो संघ जल्द ही आंदोलन को तेज करने पर मजबूर होगा। इस अवसर पर जितेन्द्र भदौरिया, सुरेश तंवर, बलराज, संदीप, जितेन्द्र, शिव, पिंकी, सुशील, कपिल, सतबीर, हरजिन्द्र कौर, रेखा, सुनीता, रतिया से सरस्वती, सिमरन सौलंकी, डॉ. विष्णु, सुशील कुमार, कपिल, संदीप बोहरा, खेताराम, परमजीत, कर्मजीत, सोनप्रीत सहित सैंकड़ों एनएचएम कर्मचारी मौजूद रहे।
धरने को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि एनएचएम कर्मचारियों ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान अपनी जान पर खेलकर स्वास्थ्य सेवा में अपना योगदान दिया। सरकार द्वारा प्रस्तावित दोगुने वेतन को भी एनएचएम कर्मचारियों ने देश हित में नकार दिया था। एनएचएम कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर संघ द्वारा लगातार तीन वर्षों से संघर्ष किया जा रहा है। मिशन निदेशक के साथ हुई बातचीत में कई मांगों पर सहमति बनी थी परंतु धरातल पर अभी तक किसी भी मांग को पूरा करने को लेकर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है जिससे प्रदेशभर के एनएचएम कर्मचारियों में काफी रोष है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को यदि अभी पूरा नहीं किया गया तो एनएचएम कर्मचारी राज्य स्तरीय बैठक कर आगामी आंदोलन की घोषणा करेंगे। संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन शर्मा ने मांग की कि सीएम की घोषणा अनुसार जल्द सातवें पे कमीशन का पत्र जल्द जारी हो। वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए। सरकार द्वारा घोषित 5 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का जल्द भुगतान हो। एनएचएम कर्मचारियों को ग्रैच्युटी का लाभ दिया जाए व कैशलेस मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। चिकित्सा अधिकारियों को सेवा नियमों का लाभ देते हुए प्रारंभित वेतन 80 हजार किया जाए। गेस्ट अध्यापकों की तर्ज सेवा सुरक्षा प्रदान हो। वर्ष 2017 व 2019 में हड़ताल के दौरान काटे गए वेतन का भुगतान किया जाए व तमिलनाडू व मणिपुर की तर्ज पर रेगुलर पॉलिसी बनाई जाए। कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु पर परिवार को 20 लाख सहायता राशि व आश्रित को नौकरी दी जाए। प्रत्येक जिले में कष्ट निवारण समिति गठित कर संघ के दो प्रतिनिधियों को इसमें शामिल हो। हटाए गए कोरोना योद्धाओं की नौकरी जल्द बहाल की जाए व आऊटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत लगे कर्मचारियों को एनएचएम में शामिल किया जाए।