हरियाणा के नूंह में माइनिंग माफिया के हाथों मारे गए DSP सुरेन्द्र सिंह की हत्या की जांच करने पहुंचे हरियाणा पुलिस की साउथ रेंज रेवाड़ी के ADGP डॉ. एम. रवि किरण का बड़ा बयान सामने आया है। एडीजीपी ने कहा कि DSP गुप्त सूचना के आधार पर तावडू एरिया में अचानक निरीक्षण करने गए थे। इसलिए उनके साथ बैकअप फोर्स नहीं थी।
ADGP ने कहा कि संभवत: अचानक कार्रवाई करने के फैसले के चलते बैकअप फोर्स बुलाने का समय नहीं मिला होगा। इस वारदात में हथियारों का इस्तेमाल नहीं हुआ। DSP के मौके पर पहुंचने के बाद खनन में लगे लोगों ने उन पर पत्थरों से भरा डंपर चढ़ा दिया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद हरियाणा के DGP पीके अग्रवाल खुद भी जांच के लिए नूंह पहुंचे। वारदात स्थल का जायजा लेने के बाद DGP ने इस घटना में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस के सीनियर अफसरों के साथ मीटिंग भी की।
DSP सुरेंद्र सिंह की हत्या के बाद सरकार के सख्त रुख और मुख्यमंत्री व गृहमंत्री के निर्देशों के बाद हरियाणा पुलिस ने हत्यारों को पकड़ने के लिए 8 टीमें गठित की। नूंह (मेवात) से लगते आसपास के जिलों की सीआईए टीमें भी इसमें लगाई गईं। पुलिस टीमों ने दोपहर बाद से ही नूंह के कुछ गांवों की घेराबंदी कर ली। शाम होते-होते हत्याकांड में शामिल इकरार नामक शख्स को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दबोच लिया।
इकरार उस डंपर का क्लीनर है जिससे DSP सुरेंद्र सिंह को कुचला गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जब पुलिस ने आरोपियों को घेरा तो उन्होंने पुलिस टीम पर कई राउंड फायर किए। इस दौरान पुलिस की गाड़ी पर भी गोलियां लगीं। पुलिस की जवाबी फायरिंग में इकरार घायल हो गया। उसके पैर में गोली लगी है। पुलिस ने इकरार को गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती करवा दिया।
पुलिस ने एनकाउंटर के बाद DSP को कुचलने वाले डंपर को भी अपने कब्जे में ले लिया। अन्य बदमाशों की तलाश में लगातार रेड की जा रही है।
उधर DSP सुरेंद्र सिंह का दोपहर बाद नूंह अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया। अब उनकी बॉडी हिसार स्थित उनके पैतृक गांव सारंगपुर ले जाई जाएगी। DSP सुरेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार मंगलवार को उनके पैतृक गांव सारंगपुर में ही किया जाएगा।