हिसार के सारंगपुर गांव के रहने वाले थे, 1994 में एएसआई के पद पर हुए थे भर्ती
खनन माफिया के खिलाफ लगातार छेड़े हुए थे अभियान, डीएसपी के मर्डर के बाद कानून व्यवस्था पर लगा सवालिया निशान
चंडीगढ़, 18 जुलाई (जनसरोकार एक्सक्लूसिव): मेवात के तावडू क्षेत्र में खनन माफिया के खिलाफ लगातार मुहिम चलाने वाले डीएसपी सुरेंद्र सिंह मांझू को खनन माफिया कारोबार के बड़े मगरमच्छों के गुर्गों ने डंपर से कुचल दिया। डीएसपी सुरेंद्र सिंह की मौत हो गई इस घटना के बाद हरियाणा में कानून व्यवस्था पर तो सवाल लगा ही है। इसके साथ ही यह भी जाहिर हो गया है कि हरियाणा में खनन कारोबार तब जानलेवा गोरखधंधा बन गया है। खैर डीएसपी सुरेंद्र सिंह जैसे जांबाज अफसरों को हम सलाम करते हैं। दरअसल डीएसपी सुरेंद्र सिंह लगातार खनन माफिया के खिलाफ अभियान छेड़े हुए थे। अवैध खनन के खिलाफ लगातार उनकी ओर से एक्शन किया जा रहा था। आपको बता दें कि डीएसपी सुरेंद्र सिंह हरियाणा के हिसार जिले के सारंगपुर गांव के रहने वाले थे। वर्तमान में सुरेंद्र सिंह अपने परिवार के साथ हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिला में रह रहे थे। न्यूज एजेंसी पीटीआई की मानें तो डीएसपी सुरेंद्र सिंह 1994 में हरियाणा पुलिस में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर भर्ती हुए थे। साल 2012 में डीएसपी के पद पर पदोन्नति मिली। पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात सुरेंद्र सिंह का परिवार काफी बड़ा है। डीएसपी सुरेंद्र के 8 भाई हैं और सभी अलग-अलग विभागों में अच्छे पदों पर नियुक्त हैं। उनके दो भाइयों का निधन हो चुका है। बड़े भाई कि साल 2009 में मौत हुई थी जबकि दूसरे नंबर के भाई ओमप्रकाश गांव में खेती करते हैं। सुरेंद्र सिंह के अन्य भाइयों में कोई प्रिंसिपल है तो कोई हाईकोर्ट में एएजी के पद पर रहा है। कोई डेयरी उद्योग संभालता है तो कोई बैंक में मैनेजर है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डीएसपी सुरेंद्र सिंह की पत्नी कौशल्या ग्रहणी है। उनके एक बेटा और एक बेटी है दोनों की शादी हो चुकी है और काफी संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते हैं। डीएसपी सुरेंद्र के बेटे का नाम सिद्धार्थ है और वह इस समय कनाडा में पढ़ाई कर रहा है, वहीं बेटी प्रियंका की शादी एक बैंक मैनेजर से हुई है और प्रियंका खुद बेंगलूर के एक बैंक में डिप्टी मैनेजर के पद पर काम करती हैं। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में खनन माफिया एक जानलेवा गोरखधंधा बन गया है। लगातार खनन माफिया की ओर से हरियाणा के विभिन्न इलाकों में अवैध खनन के चलते जहां जांबाज पुलिस अफसरों को बावर्दी मौत के घाट उतार दिया जाता है, वहीं हर साल हरियाणा में अवैध खनन के हजारों मामले सामने आ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले करीब 10 सालों में हरियाणा में अवैध खनन के 25000 के सामने आ चुके हैं। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में खनन का क्षेत्र सीमित है लेकिन सीमित क्षेत्र में भी अवैध खनन माफिया हावी है। हरियाणा में बजरी पत्थर चाइना क्ले सलेट लाइमस्टोन रहता जैसे खनिज पाए जाते हैं प्रदेश में इस समय करीब 120 खनन साइट्स हैं जिनमें करीब 70 प्रतिशत को आवंटित किया जाता है हरियाणा के भिवानी जिला के गांव में भी कुछ माह पहले चट्टान खिसक गई थी। खनन माफिया की ओर से लगातार पहाड़ों को अवैध तरीके से खनन करने के चलते भिवानी के गांव में यह हादसा हुआ था, जिसमें 5 लोगों की जान चली गई थी। सरकारी रिकॉर्ड में यह साफ नहीं है कि कानूनी तौर पर खनन माफिया की ओर से किए जाने वाले अवैध खनन के चलते कितने लोग हर साल मौत के मुंह में समा रहे हैं, लेकिन आंकड़ों का क्या है आंकड़े तो झूठे भी होते हैं। लेकिन मेवात में हुई आज की घटना से यह जाहिर हो गया है कि हरियाणा में अवैध खनन माफिया गिरोह को ने कानून की परवाह है और न ही सरकार की।
हरियाणा के पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के रिश्तेदार थे डीएसपी मांजू
सांरगपुर में डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई के मौत की सूचना मिलने के बाद शोक की लहर है। ग्रामीणों ने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए बताया कि डीएसपी सुरेंद्र मांजू के बड़े भाई जगदीश वकील पूर्व सीएम भजन लाल के पीए रह चुके हैं। भजन लाल की पत्नी जसमा देवी की भांजी, जगदीश वकील की पत्नी है।
डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई समेत आठ में से छह भाई सरकारी नौकरी में है। गांव वालाें के हर सुख दुख में साथ देते हैं। गांव में अब एक ही भाई ओमप्रकाश पैतृक घर में रहता है। हर हफ्ते सभी भाई पुश्तैनी गांव में आते हैं। वहीं मेघालय के डीजीपी एलआर बिश्नोई ने उनके निधन पर संवेदना व्यक्त की है। डीएसपी की मंगलवार दिन में 11 बजे ही खनन माफिया पर रेड करने के दौरान हत्या की गई है। उनका पार्थिव शरीर भी उनके पतृक गांव में लाया जाएगा।