हरियाणा सरकार के पंचायत विकास विभाग ने जारी किया नोटिफिकेशन
-महामहिम राज्यपाल ने 30 सितंबर तक चुनाव करवाए जाने के जारी किए आदेश
चंडीगढ़, 22 जुलाई। हरियाणा में 30 सितंबर से पहले कभी भी पंचायती चुनावों का बिगुल बज सकता है।पंचायत विभाग की तरफ से जारी की गई अधिसूचना 30 सितंबर तक प्रदेश में पंचायतों के चुनाव, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के चुनाव करवाएं जाएं जिला कुरुक्षेत्र के खंड लाडवा की ग्राम पंचायत समालखा को छोडक़र सभी पंचायतों के चुनाव करवाने के राज्यपाल ने निर्देश दे दिए हैं। माना जा रहा है कि 29 जुलाई को हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक के बाद चुनाव आयोग की ओर से कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव सितंबर के दूसरे सप्ताह में हो जाएंगे।
आयोग की ओर से यह पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है कि राज्य में सरपंचों, उपसरपंचों व पंचों के चुनाव एक साथ जबकि जिला परिषद एवं ब्लॉक समिति सदस्यों के चुनाव अलग होंगे। चुनाव कई चरणों में हो सकते हैं। पिछली बार चुनाव तीन चरणों में हुए थे। इस बार प्रदेश में 6228 सरपंचों के अलावा 411 जिला परिषद सदस्यों के चुनाव होने हैं इसके साथ ही करीब 62 हजार से अधिक पंचायत सदस्यों के जबकि 140 से ब्लॉक समिति के 3080 सदस्यों के चुनाव भी करवाए जाने हैं ।
शुक्रवार को हरियाणा के राज्यपाल ने हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 211 की उपधारा (2) के साथ पठित उपधारा द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हरियाणा के राज्य निर्वाचन आयोग को 30 सितंबर तक पंचायती राज के चुनाव करवाए जाने के निर्देश दिए हैं। हरियाणा सरकार के पंचायत विकास विभाग की ओर से यह गजट नोटिफिकेशन शुक्रवार शाम को जारी किया गया। पंचायत एवं विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा की ओर से हस्ताक्षरित इस अधिसूचना के बाद चौधरी के चुनाव को लेकर इंतजार खत्म हो गया है। चुनाव को लेकर अब जल्द ही हरियाणा भर में माहौल बनता हुआ नजर आएगा।
आयोग ने कमर कसी
चुनाव करवाने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने पूरी तरह से कमर कस ली है। आयोग की मानें तो पंच व सरपंचों की चुनाव एक साथ, जबकि जिला परिषद और ब्लॉक समिति सदस्यों के चुनाव एक साथ करवाए जाएंगे यानी चुनाव विभिन्न चरणों में होंगे । पिछली बार पंच सरपंच जिला परिषद सदस्य और ब्लॉक समिति सदस्यों के चुनाव एक साथ हुए थे, क्योंकि आमतौर पर जिला परिषद और ब्लॉक समिति सदस्यों के चुनाव सरपंचों के चुनाव के साथ होने के चलते आपसी सांठगांठ का खेल सामने आता रहा है इस खेल को बंद करने के मकसद से ही आयोग चुनाव अलग-अलग करवाना चाहता है ।
ऐसे टलते रहे चुनाव
पंचायती राज चुनाव में विभिन्न कारणों से विलंब हुआ है फरवरी 2021 में वर्तमान पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया था। मार्च के महीने में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी और इस वजह से चुनावों में देरी हो गई इसके साथ ही लंबे समय तक हरियाणा की सीमांत इलाकों में किसान आंदोलन चला । हरियाणा भर में किसान आंदोलन का व्यापक असर नजर आया । खास करके किसान आंदोलन का असर ग्रामीण क्षेत्र में अधिक देखने को मिला । एक वजह यह भी रही कि पंचायती चुनाव समय पर नहीं हो सके । इसी बीच अप्रैल 2021 में पंचायती राज प्रणाली चुनाव में महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण दिए जाने को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका डाल दी गई । लंबे समय तक मामला अदालत में विचाराधीन रहा और इसी साल 5 मई को हाईकोर्ट ने चुनाव करवाए जाने को लेकर हरी झंडी दे दी ।
पंच-सरपंच और जिलापरिषद एवं ब्लॉक समिति के चुनाव होंगे अलग-अलग
हरियाणा में पंचायत चुनाव दो चरणों में कराने की तैयारी चल रही है। पहले चरण में सरपंच और पंच के लिए मतदान होगा। दूसरे चरण में जिला परिषद और बीडीसी सदस्यों के लिए वोट डाले जाएंगे। राज्य चुनाव आयोग चुनाव के लिए पूरे प्रदेश से डाटा एकत्रित करने में जुटा हुआ है। महिलाओं और एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षण का प्रावधान रहेगा, बीसी-ए श्रेणी को बिना आरक्षण दिए चुनाव होंगे। पंचायत चुनाव प्रदेश का सबसे बड़ा चुनाव होता है। इसे संपन्न कराने के लिए हजारों कर्मियों की तैनाती होती है। मतदाताओं को एक साथ जिला परिषद, बीडीसी, सरपंच, उप सरपंच और पंच के लिए वोट डालने होते हैं। ऐसे में मतदाता कई बार कंफ्यूज हो जाता है। हजारों की संख्या में कर्मचारियों की तैनाती व मतदाताओं की सुविधा को देखते हुए सरकार और आयोग दो चरण में चुनाव करवाने पर विचार कर रहे हैं।
आयोग ने किए पर्याप्त प्रबंध
गौरतलब है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायती राज प्रणाली चुनाव को लेकर व्यापक प्रबंध किए हैं करीब 77000 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रबंध किया गया है । आयोग की मानें तो करीब हरियाणा भर में 14000 मतदान केंद्र पंचायती राज प्रणाली चुनाव करवाने को लेकर बनाए जाएंगे । राज्य चुनाव आयोग की मानें तो सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश अनुसार चुनाव होंगे। अभी चुनाव को लेकर कुछ भी कहना संभव नहीं है। 22 जुलाई के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। ग्राम पंचायत चुनावों में 77 हजार से अधिक ईवीएम इस्तेमाल होने की संभावना है। गुजरात से 20 हजार, उत्तर प्रदेश से 5 हजार, हिमाचल प्रदेश से 496 और 52083 ईवीएम भारतीय चुनाव आयोग से हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने ली हैं। 5 हजार ईवीएम हरियाणा की अपनी हैं।
पिछली बार यह था चुनाव का शैड्यूल
उल्लेखनीय है कि पिछली बार जनवरी 2016 में तीन अलग-अलग चरणों में पंचायती राज प्रणाली के चुनाव हुए थे 10 जनवरी 17 जनवरी और 24 जनवरी को पंचायती राज प्रणाली के चुनाव करवाए गए थे । खास बात यह है कि पारदर्शी तरीके से चुनाव करवाने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से संवेदनशील व अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों की भी पहचान करने की कवायद शुरू की गई है । इस कड़ी में हरियाणा पुलिस से आयोग की ओर से समन्वय किया गया है । जल्द ही राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची भी जारी कर दी जाएगी।
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