चुनाव आयुक्त धनपत्त सिंह का बयान, जल्द होगा तारीखों का ऐलान
रेवाड़ी, 23 जुलाई: हरियाणा में पंचायती चुनाव एक ही चरण में करवाए जाएंगे। पहले दिन जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव होंगे और एक दिन छोडक़र सरपंच और पंचों के चुनाव करवाए जाएंगे। इस आशय की जानकारी खुद हरियाणा चुनाव आयुक्त धनपत्त सिंह ने दी। रेवाड़ी पहुंचे चुनाव आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में एक ही चरण में होंगे चुनाव। उन्होंने यह भी बताया कि पहले वाले ड्रा के अनुसार ही चुनाव करवाए जाएंगे और तीस सिंतबर से पहले चुनाव हो कराए जाएंगे।
सीधे नहीं होंगे चेयरमैन के चुनाव
चुनाव आयुक्त धनपत्त सिंह ने बताया कि जिला परिषद और ब्लॉक समिति चेयरमैन सीधे नहीं होंगे। पहले की तरह ही चेयरमैन के चुनाव होंगे। यानी पहले सदस्यों का चुनाव होगा और उसके बाद सदस्य ही चेयरमैन का चुनाव करेंगे। गौरतलब है कि पिछले काफी दिनों से इस बात की चर्चा चल रही थी कि चेयरमैन के चुनाव स्थानीय निकाय चुनाव की तर्ज पर सीधे करवाया जाएगा।
411 जिप सदस्यों के तो 3080 पंचायत समिति सदस्यों के होंगे चुनाव
हरियाणा में 22 जिलों की 411 जिला परिषद सदस्यों के चुनाव होने है। जिला परिषद की सबसे अधिक 30 सीटें हिसार जिले में हैं जबकि पंचकूला, गुरुग्राम और फरीदाबाद मे 10-10 सदस्यों के चुनाव होने हैं। वहीं ब्लॉक समिति के 3080 सदस्यों के चुनाव होंगे। कुल 6228 सरपंचों और 62 हजार से अधिक पंचायत सदस्यों के चुनाव करवाए जाने हैं।
मतदाता सूचियों को दिया अंतिम रूप
हरियाणा में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो रही हैं। इसके लिए मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है। अब तक मतदाता सूची को लेकर जितने भी दावे और आपत्तियां आई थी। उसका निपटान कर दिया गया है। इस बारे में पंचायत विभाग की ओर से सभी जिला उपायुक्त को पत्र लिख दिया गया। अब कभी भी पंचायत चुनाव की घोषणा हो सकती है। अब पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूचियों की कापी तैयार की जाएगी। सीधे तौर पर अब सूचियों में कोई भी नया नाम नहीं जुड़ेगा। अब विधानसभा स्तर पर यदि पंचायत चुनाव से पहले नई वोट बनती है तो उन वोटों को लेकर अलग से मतदाता सूची जारी हो सकती है। हालांकि ऐसा चुनाव आयोग की अनुमति से ही हो सकेगा। दूसरी ओर इस बार पंचायत चुनाव दो चरणों मे होने की संभावना के चलते दावेदारों में भी उलझन बनी हुई है। अब तक तो पंचायत चुनाव एक चरण में ही होते रहे हैं। इस बार कुछ नया होगा। ऐसे में पंचायत चुनावी प्रक्रिया लंबी खिंचती नजर आ रही है। इसके साथ ही आरक्षण का ड्रा भी नए सिरे से किए जाने का इंतजार है।