-चंडीगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में उत्तीर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की हुई बैठक
मुख्यमंत्री का केंद्रीय गृहमंत्री से आग्रह: ठोस रणनीति के साथ नशा तस्करों के खिलाफ मजबूत कार्रवाई करनी होगी
चंडीगढ़, 30 जुलाई : उत्तरी राज्यों से नशे की बुराई को जड़मूल से उखाडऩे के लिए ठोस रणनीतियां बनाने के उद्देश्य से केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि नशाखोरी और मादक पदार्थों की तस्करी आज दुनियाभर के लोगों के लिए चिंता का विषय है। यह समस्या किसी एक राष्ट्र की नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया ही इसकी चपेट में है। विभिन्न कारणों से हमारा युवा वर्ग ही नहीं, बल्कि बच्चे भी नशे की चपेट में आ रहे हैं। नशाखोरी की समस्या से देश के लगभग सभी राज्य जूझ रहे हैं। इस बैठक में सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जम्मू एवं कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल तथा संबंधित प्रदेशों के मुख्य सचिव समेत एनसीबी और पुलिस प्रशासन के अधिकारी सम्मेलन में मौजूद रहे।
नशे के खिलाफ लडऩी होगी सामूहिक लड़ाई
इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा सरकार की ओर से नशे के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के संदर्भ में आंकड़े रखते हुए कहा कि नशे के विरुद्ध एक सामूहिक लड़ाई लडऩी होगी। यदि किसी एक राज्य में नशाखोरी व मादक पदार्थों की अवैध तस्करी के विरुद्ध पुलिस द्वारा सख्ती की जाती है, तो नशे के सौदागर पड़ोसी राज्यों की ओर रूख करने लगते हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा में हर महीने एनडीपीएस एक्ट के 200 से अधिक मुकदमे दर्ज होते हैं। राज्य में 30 जून तक 1913 मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें 2661 आरोपी गिरफ्तार किए गए। जून 2022 तक 253 ड्रग्स तस्करों की करीब 32 करोड़ रुपए की काली कमाई जब्त की है तथा 13 करोड़ रुपए मूल्य की सम्पति को जब्त करने की प्रक्रिया चल रही है।
प्रदेश में 142 नशा मुक्ति केंद्र खोले गए
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में 142 नशा मुक्ति केंद्र खोले गए हैं। इनके अलावा सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मानसिक स्वास्थ्य एवं नशा मुक्ति वार्ड खोले गए हैं। प्रदेश के हर जिले के सिविल अस्पताल में भी नशा मुक्ति केंद्र खोले जा रहे हैं। अब तक 13 जिलों में ये केंद्र खोले जा चुके हैं। जहां नशामुक्ति केंद्र स्थापित नहीं हैं, उन सभी जिलों के सिविल अस्पतालों में मनोचिकित्सक नशामुक्ति सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। अब तक हिसार व रोहतक जेल में ये केंद्र खोले जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम नशे के आदी व्यक्तियों की पहचान, उपचार और आर्थिक रूप से उनका पुनर्वास कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए हरियाणा राज्य मादक पदार्थ रोकथाम समिति का गठन कर रहे हैं।
नशे के विरुद्ध लड़ाई में आई.टी. का भरपूर इस्तेमाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हम इस लड़ाई में आई.टी. का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। ‘प्रयास’ नाम के मोबाइल एप के जरिए हम नशे के आदी लोगों के बारे में आँकड़े जुटा रहे हैं और उनकी नशामुक्ति के लिए कारगर कदम उठा रहे हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जिला कुरूक्षेत्र, अम्बाला, यमुनानगर, पंचकुला, जींद, हिसार, फतेहाबाद एवं सिरसा में स्टेट एक्शन प्लान को लागू किया जा चुका है, जिसके अन्तर्गत प्रयास ऐप में सम्बन्धित डाटा अपलोड करने के लिए कार्य किया जा रहा है। ‘साथी’ नाम के मोबाइल एप के जरिए हम दवा की बिक्री पर नजऱ रख रहे हैं जिससे कि सिन्थेटिक ड्रग्स पर अंकुश लगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जिला सोनीपत में स्टेट एक्शन प्लान के अन्तर्गत प्रतिबंधित दवाओं की निगरानी के लिए साथी ऐप में सम्बन्धित डाटा अपलोड करने के लिए कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि ऐसी प्रतिबंधित दवाओं, जिनका इस्तेमाल नशे के रूप में किया जाना सम्भव है, उन्हें ट्रैक करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा उन पर युनीक सीरियल नम्बर डलवाया जाना अनिवार्य किया जाना चाहिए। अपराधों, अपराधियों, पीडि़तों आदि से संबंधित सभी गतिविधियों का केंद्रीकृत राज्य डेटाबेस बनाने के लिए एक सॉफ्टवेयर भी विकसित किया है। इससे नशे के कारोबारियों पर नकेल कसने में मदद मिली है।
बच्चों और युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए कई कार्यक्रम किए शुरू
बच्चों और युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए एक कार्यक्रम धाकड़ स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के स्तर पर शुरू किया है। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो द्वारा तैयार किए गए स्टेट एक्शन प्लान के तहत प्रस्तावित धाकड़ प्रोग्राम के माध्यम से हरियाणा राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों के छात्रों को नशे के कुप्रभावों से अवगत करवाना व उसके विरूद्ध जागरूक करना है। स्टेट एक्शन प्लान के तहत ग्राम व वार्ड स्तर से लेकर राज्य स्तर तक मिशन टीमों का गठन किया जाएगा। इनमें सरपंच, ग्राम सचिव, पटवारी, सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी, स्कूल के प्राचार्य, बीट प्रभारी, नंबरदार, महिला सदस्य आदि को शामिल किया जाएगा। इस प्रकार आम जनता की भागीदारी से इसे जन आंदोलन के रूप में लागू किया जाएगा।