कांग्रेस सरकार की तर्ज पर विजेता खिलाड़ियों को डीएसपी पद पर सीधे नियुक्ति दे बीजेपी-जेजेपी सरकार: हुड्डा
रोहतक, 6 अगस्त: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कॉमनवेल्थ खेलों में शानदार प्रदर्शन कर देश की झोली में मेडल डालने वाले सभी खिलाड़ियों को हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने बचे हुए मुकाबलों के लिए भी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी। हुड्डा आज रोहतक के कई कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे थे। उन्होंने डीएसपी प्रदीप खत्री द्वारा वर्ल्ड पुलिस गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने पर इस्माईला गांव में हुए सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। साथ ही हुड्डा ने योगा में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले योगाचार्य वरुण आर्य के लिए पाकसमा गांव स्थित उनके आवास पर करवाए गए श्रावणी हवन कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। इस मौके पर कॉमनवेल्थ खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों द्वारा किए जा रहे शानदार प्रदर्शन को लेकर हुड्डा काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने कहा कि तमाम खिलाड़ी देश की उम्मीदों पर खरे उतरे हैं। एक हरियाणवी होने के नाते खिलाड़ियों के पदक जीतने पर डबल खुशी होती है। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए हुड्डा ने कहा कि हमेशा की तरह इस बार भी देश की मेडल तालिका में हरियाणा के युवाओं का योगदान सबसे ज्यादा है। ऐसे में सरकार को खिलाड़ियों के मान-सम्मान में किसी तरह की कोर कसर नहीं छोड़नी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस सरकार के दौरान ‘पदक लाओ, पद पाओ’ के तहत विजेता खिलाड़ियों को सीधे डीएसपी पद पर नियुक्ति देने की नीति को पुनः बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि खेल और खिलाड़ी किसी भी देश की उन्नति का पैमाना होते हैं। उनकी सरकार के समय प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया। खिलाड़ियों के हित की नीतियाँ बनाई गईं, पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 5 करोड़ तक की नगद इनाम राशि दी गई। स्कूली स्तर पर प्रतिभाओं को तलाशने और तराशने के लिए स्पैट जैसी प्रतियोगिताएं शुरू करवाई गई थी। इन्हीं सब कोशिशों का नतीजा है कि छोटी-सी आबादी वाले हरियाणा की युवा प्रतिभा का लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है। हुड्डा ने याद दिलाया कि 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को कुल 38 गोल्ड मेडल मिले थे। उनमें से 22 अकेले हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते थे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने गांव-गांव में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए स्टेडियम बनाए गए थे। लेकिन मौजूदा सरकार ने उनको भगवान भरोसे छोड़ रखा है। वहां कोचिंग व खेलों का सामान उपलब्ध करवाना तो दूर, इन परिसरों की साफ-सफाई तक नहीं करवाई जाती।