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पंचायती चुनाव: भाजपा ने 22 जिलों में बनाए प्रभारी

गंगवा फतेहाबाद तो बराला होंगे सिरसा के इंचार्ज

चंडीगढ़, 8 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने सोमवार को पंचायती राज चुनाव के लिए जिला प्रभारियों की सूची जारी कर दी है। सुभाष बराला को सिरसा, रणबीर गंगवा को फतेहाबाद, कैबीनेट मंत्री जेपी दलाल को हिसार, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यू को भिवानी, जीएल शर्मा को दादारी, अरविंद यादव को महेंद्रगढ़, ओमप्रकाश यादव को रेवाड़ी, मंत्री बनवारी लाल को गुरुग्राम, पूर्व मंत्री विपुल गोयल को मेवात, डा. सुधा यादव को पलवल, जाकिर हुसैन को फरीदाबाद, मोहन लाल कौशिक को झज्जर, सांसद धर्मवीर को रोहतक, वेदपाल एडवोकेट को सोनीपत, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर को पानीपत, राज्यसभा सदस्य कृष्ण लाल पंवार को करनाल, पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज को कुरुक्षेत्र, पवन सैनी को कैथल, मंत्री कमलेश ढांडा को जींद, मंत्री संदीप सिंह को अंबाला, डा. संजय शर्मा को यमुनानगर और नायब सैनी को पंचकूला का प्रभारी लगाया गया है। गौरतलब है कि पंचायती राज चुनाव प्रदेश प्रभारी के रूप में हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर पहले से से ही कार्यरत हैं।
चौधर की जंग नहीं है आसान
गौरतलब है कि हरियाणा में पंचायती राज के चुनाव काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। विशेषकर गांव की चौधर यानी सरपंच और जिला परिषद सदस्यों के चुनाव को लेकर पूरी जोर-आजमाइश होती है। जिला परिषद चुनावों में तो हरियाणा के तमाम सियासी दलों में भी शह-मात का खेल चलता है। चुनावों की अधिसूचना जारी हो जाने के बाद करीब डेढ़ माह से अधिक समय तक हरियाणा में चुनावी मेले का नजारा रहेगा।
यमुनानगर में सबसे अधिक 490 ग्राम पंचायतें
ग्राम पंचायतों की संख्या के नजरिए से देखें तो हरियाणा के यमुनानगर जिले में सबसे अधिक 490 ग्राम पंचायातों के चुनाव होने हैं, जबकि फरीदाबाद में सबसे कम 100 पंचायतें हैं। इसी प्रकार से कुरुक्षेत्र में 403 और अंबाला में 400 पंचायत हैं। इसी प्रकार से हिसार में जिला परिषद के सबसे अधिक 30 सदस्यों जबकि पंचकूला, गुरुग्राम और फरीदाबाद में 10-10 जिला परिषद के सदस्यों के चुनाव होंगे।
लगातार लटके चुनाव
पंचायती राज चुनाव में विभिन्न कारणों से विलंब हुआ है फरवरी 2021 में वर्तमान पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया था। मार्च के महीने में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी और इस वजह से चुनावों में देरी हो गई इसके साथ ही लंबे समय तक हरियाणा की सीमांत इलाकों में किसान आंदोलन चला । हरियाणा भर में किसान आंदोलन का व्यापक असर नजर आया । खास करके किसान आंदोलन का असर ग्रामीण क्षेत्र में अधिक देखने को मिला । इसी दौरान अप्रैल 2021 में पंचायती राज प्रणाली चुनाव में महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण दिए जाने को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका डाल दी गई । लंबे समय तक मामला अदालत में विचाराधीन रहा और इसी साल 5 मई को हाईकोर्ट ने चुनाव करवाए जाने को लेकर हरी झंडी दे दी ।

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