चंडीगढ़ में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुड्डा और उदयभान के नेतृत्व में संपत्त सिंह के साथ पूर्व विधायक रामभगत शर्मा और राधेश्याम शर्मा कांग्रेस में हुए शामिल
चंडीगढ़, 8 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): चौटाला सरकार में गृह और वित्त मंत्री में रहे प्रो. संपत्त सिंह कांगे्रस में शामिल हो गए हैं। चंडीगढ़ में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हुए। संपत्त सिंह के साथ पूर्व विधायक रामभगत शर्मा और राधेश्याम शर्मा भी कांग्रेस में शामिल हो गए। 1977 में चौधरी देवीलाल के राजनीतिक सचिव के रूप में अपनी सियासी पारी का आगाज करने वाले प्रो. संपत सिंह अब तक के 45 वर्ष के सियासी कॅरियर में 32 साल ताऊ देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के साथ, 2009 से लेकर 2019 तक कांग्रेस के साथ और 2019 से जुलाई 2022 तक भाजपा में रहे। अब एक बार फिर से वे कांग्रेस में आ गए हैं। 1977 से लेकर 1979 तक वे चौधरी देवीलाल के राजनीतिक सचिव रहे। राजनीतिक सचिव रहने के अलावा 1990 से 1991 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और ओमप्रकाश चौटाला की सरकार में साल 2000 में 2004 से लेकर वित्त मंत्री भी रहे। संपत्त सिंह 1977 से लेकर 2009 तक देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के साथ ही रहे। छह चुनाव जीते, कई चुनाव हारे भी 1980 में भट्टू हलका से उपचुनाव लड़ा और करीब 9 हजार वोटों से हार गए। 1982 में उन्हें लोकदल का टिकट नहीं मिला। देवीलाल ने इस चुनाव में संपत्त सिंह को आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़वाया और वे आजाद उम्मीदवार के रूप में ही विधायक बन गए। इसके बाद 1987, 1991, 1998, 2000 और 2009 में विधायक रहे। साल 2009 में हिसार लोकसभा सीट से इनैलो की टिकट पर चुनाव लड़ा। चुनाव में चौधरी भजनलाल से हार गए। 2009 में ही इनैलो के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए संपत्त सिंह ने संसदीय चुनाव के नतीजों के बाद इनैलो को छोड़ दिया और कांगे्रस में आ गए। संपत्त सिंह ने 2009 के विधानसभा चुनाव में नलवा सीट से हजकां की जसमां देवी को पराजित किया।
गौरतलब है कि प्रो. संपत्त सिंह का कुलदीप बिश्रोई के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा है। 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नलवा से संपत्त सिंह को टिकट नहीं दिया। उस समय कांग्रेस ने नलवा से रणधीर पनिहार को टिकट दिया था। पनिहार कुलदीप के समर्थक माने जाते हैं। इसके बाद संपत ने कांग्रेस से किनारा कर लिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। अब जब कुलदीप भाजपा में शामिल हुए तो संपत ने खुलकर कुलदीप पर हमला बोला। संपत्त ने कहा कि कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में कुछ लोगों ने अपने निजि स्वार्थ सिद्धि के लिए पार्टी की टिकटों के बंटवारें में कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान पहुॅचाया। यदि ऐसे स्वार्थी तत्व न होते तो 2019 में हरियाणा प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार श्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा के नेतृत्व में बनती। उन्होंने बड़े भारी मन से 2019 में कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी। अब क्योंकि ऐसे स्वार्थी लोग अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए कांग्रेस छोड़कर जा रहे है तो ऐसे समय में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए उनका पार्टी में शामिल होना अति आवश्यक हो गया था। जब किसानों के हितों पर भारतीय जनता पार्टी ने चोट मारी तो उन्हें बहुत पीड़ा पहुॅची और तभी भाजपा से किनारा कर लिया था। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से आहवान किया कि आगामी आदमपुर उपचुनाव में सभी आपसी मतभेद भूलाकर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाए।