जींद, 10 अगस्त : राज्य सतर्कता ब्यूरो ने रोजगार कार्यालय के क्लर्क को बेरोजगारी भत्ता के मामले का निपटारा करने के बदले 23 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। ब्यूरो आरोपी से पूछताछ कर रही है। गांव नगूरां निवासी मनदीप ने राज्य सतर्कता ब्यूरो को शिकायत में बताया कि वह सक्षम योजना के तहत रोजगार कार्यालय से 1500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता ले रहा था। वर्ष 2019 में उसने बीएड में दाखिला ले लिया। 2021 में उसकी बीएड पूरी हो गई। इस अवधि के दौरान भी वह बेरोजगारी भत्ता लेता रहा। रोजगार कार्यालय ने उसकी बीएड डिग्री की जांच की तो वह पकड़ में आ गया। इस पर रोजगार कार्यालय ने बेरोजगार भत्ते के रूप में ली गई 48 हजार रुपये की राशि नौ प्रतिशत ब्याज के साथ भरने को कहा।
असमर्थता जताने पर रोजगार कार्यालय के क्लर्क रोशन ने मामले का निपटारा करने को कहा और 25 हजार रुपये की मांग की है। आखिरकार 23 हजार रुपये में बेरोजगार भत्ते की फाइल को रफा-दफा करने की बात तय हुई। शिकायत के आधार पर छापामार टीम का गठन किया गया। आबकारी एवं कराधान विभाग के ईटीओ नरेश अहलावत को डयूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। वहीं निरीक्षक मनीष कुमार को टीम की कमान सौंपी गई। टीम में एसआई अनिल कुमार, एएसआई बलजीत, कमलजीत, हवलदार सुनील, सिपाही संजय को शामिल किया गया।
टीम ने शिकायतकर्ता मनदीप को 500-500 रुपये के 46 नोट डयूटी मजिस्ट्रेट से हस्ताक्षर और पाउडर लगा कर दिए। संपर्क साधने पर क्लर्क रोशन ने शिकायतकर्ता को सफीदों रोड पर पूनिया अस्पताल के निकट बस क्यू शेल्टर पर बुलाया। शिकायकर्ता के इशारे करने पर टीम ने क्लर्क रोशन को काबू कर लिया। तलाशी में उसके कब्जे से रिश्वत राशि बरामद की गई। क्लर्क रोशन के हाथ धुलवाने पर लाल हो गए। राज्य सतर्कता ब्यूरो ने क्लर्क रोशन के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू कर दी है। निरीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि क्लर्क बेरोजगार भत्ते के मामले का निपटारा करने के बदले में 23 हजार रुपये रिश्वत ले रहा था। उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है।