-सुप्रीम कोर्ट में 15 सितंबर को है सुनवाई, कई पंचायतों की वार्डबंदी का काम भी बाकी
चंडीगढ़, 14 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): हरियाणा में पंचायती चुनाव की घोषणा अगस्त माह में होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। पंचायत विकास विभाग की ओर से अभी कुछ ग्राम पंचायतों के अलावा गुरुग्राम जिला परिषद और हिसार परिषद की वार्डबंदी की जानी है। इसके साथ ही 22 जुलाई को प्रकाशित हुई अंतिम मतदाता सूची में भी मृतकों के नाम शामिल होने सहित कई त्रुटियां सामने आ गई हैं। इसके अलावा कुछ नई पंचायतों के गठन और वार्डबंदी का काम पूरा होने के बाद फाइनल वोटर सूची प्रकाशित की जाएगी। इस सारी प्रक्रिया में पंद्रह से 20 दिन का समय लग सकता है। ऐसे में चुनावों की घोषणा के आसार अगस्त महीने में होने की संभावना कम नजर आ रही है।
गौरतलब है कि पिछले महीने ही पंचायत और विकास विभाग ने तीस सितंबर से पहले चुनाव करवाए जाने को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया था। इस नोटिस के बाद चुनाव करवाने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कमर कस ली। चुनावी प्रक्रिया में अभी भी कई काम बाकी हैं। हिसार में बास और सिसाय नगरपालिकाओं को सरकार की ओर से समाप्त कर दिया गया है और हिसार में अब छह नई ग्राम पंचायतें वजूद में आ गई हैं। चुनाव करवाने को लेकर इन छह पंचायतों के अलावा हिसार जिला परिषद व पंचायत समिति की वार्डबंदी होनी है। इस वार्डबंदी के बीस अगस्त तक पूरी होने की संभावना जताई जारी है। इसी प्रकार से गुरुग्राम में पटौदी और हेलीमंडी नगरपालिकाओं को मिलाकर पटौदी मंडी नाम से नगरपरिषद का गठन किया जा रहा है। इस नई नगरपरिषद में 10 गांव भी शामिल हैं। शहरी निकास विभाग की ओर से सरकार की अधिकारिक अधिसूचना के बाद पटौदी नगरपरिषद के लिए नोटिफिकेशन होगा। ऐसे में गुरुग्राम जिला परिषद के अलावा गुरुग्राम की दो पंचायत समितियों की वार्डबंदी का काम किया जाएगा। हिसार और गुरुग्राम में वार्डबंदी के बाद मतदाता सूचियों का प्रकाशन किया जाएगा। इस सारी प्रक्रिया में 20 दिन का वक्त लग सकता है। तीसरा मुख्य कारण है कि 22 जुलाई को आयोग की ओर से प्रकाशित की गई अंतिम मतदाता सूची में मृतकों के नाम हैं। इस सूची को दुरुस्त करने के लिए सभी उपायुक्तों को 22 अगस्त तक का समय दिया गया है। अगस्त का पहला पखवाड़ा बीतने को है। मतदाता सूची, वार्डबंदी के काम में पंद्रह दिन का वक्त लगेगा। इसी बीच 22 अगस्त को सभी गांवों की अंतिम सूची दुरुस्त हो सकेगी। ऐसे में जाहिर है कि इन सब तथ्यों के चलते चुनावों की घोषणा के आसार इस महीने कम ही नजर आते हैं। ऐसी संभावना है कि यह सारी प्रक्रियाएं पूरी होने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा और मुमकिन हैं कि चुनाव सितंबर के पहले सप्ताह में घोषित हों। वैसे प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंचायत एवं विकास मंत्री देवेंद्र बबली दावा कर चुके हैं कि चुनाव सितंबर माह में ही होंगे। पर जिस तरह से अभी वार्डबंदी और मतदाता सूची सहित कई काम प्रक्रियाधीन हैं तो उससे यही संभावना लग रही है कि चुनाव में आयोग और सरकारों के दावों क विपरीत कुछ दिनों की देरी और हो सकती है।