हिसार, 16 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): मानसून टर्फ की अक्षय रेखा अब सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर जाने से हरियाणा राज्य में 19 अगस्त तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने की संभावना है। वहीं बीच-बीच में हवाएं चलने की संभावना है। मगर इस दौरान अरब सागर से नमी वाली हवाओं के प्रभाव से राज्य में कहीं-कहीं हल्की वर्षा की संभावना भी है। इस दौरान राज्य में दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने की भी संभावना है। भारतीय मौसम विभाग की ओर से 12 अगस्त को जारी किए गए मौसम बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में इस बार मानसून में 5 जून से 11 अगस्त तक औसत से 16 प्रतिशत अधिक बरसात दर्ज की गई है। इस अवधि में औसत 263 की तुलना में 305 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है। बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में अंबाला, भिवानी, फरीदाबाद, पंचकूला, रेवाड़ी, सोनीपत और यमुनानगर के अलावा शेष 15 जिलों में औसत से अधिक बरसात दर्ज की गई है। फतेहाबाद में औसत से 96 प्रतिशत, पानीपत में 60 प्रतिशत, सिरसा में 73 प्रतिशत, कैथल में 75, झज्जर में 53, जींद में 49 प्रतिशत अधिक बरसात दर्ज की गई है। 5 जून से 11 अगस्त तक फतेहाबाद में 330 मिलीमीटर, पानीपत में 421, सिरसा में 251, कैथल में 405, झज्जर में 349, जींद में 362 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है।
इन जिलों में कम बरसात
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में हलकी बरसात की संभावना है। गौरतलब है कि अंबाला में इस बार औसत से 47 प्रतिशत कम, भिवानी में 3, फरीदाबाद में 41 प्रतिशत, पंचकूला में 1 प्रतिशत, रेवाड़ी में 10 प्रतिशत, सोनीपत में 1 प्रतिशत और यमुनानगर में एक प्रतिशत बरसात कम हुई है। मौसम विभाग का मानना है कि आने वाले दिनों में कम बरसात वाले इलाकों में मानसून के प्रभावी होने की वजह से औसत से अधिक बरसात हो सकती है।
बरसात से नरमा, सब्जियों को नुक्सान
वहीं औसत से अधिक बरसात होने के चलते प्रदेश में फसलों को खासा नुक्सान पहुंचा है। इस बार प्रदेश में करीब साढ़े 6 लाख हैक्टेयर में नरमा, 12.5 लाख हैक्टेयर में धान के अलावा 50 हजार हैक्टेयर में ज्वार की फसल है। बरसात के चलते सबसे अधिक नुक्सान नरमा, ज्वार और सब्जियों को हुआ है। अभी विधानसभा के मानसून सेशन में ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला और तोशाम की विधायक किरण चौधरी ने भी खराब फसलों का मुआवजा उठाया। वहीं सरकार की ओर से खराब फसलों को लेकर विशेष गिरदावरी करवाने के आदेश दिए गए हैं।
पिछली बार मानसून में 30 प्रतिशत अधिक बरसात
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार साल 2021 में 5 जून से लेकर 30 सितंबर तक मानसून की अवधि में प्रदेश में औसत 438 मिलीमीटर बरसात की तुलना में 571 मिलीमीटर बरसात हुई थी। पिछले वर्ष अंबाला में औसत से 30 प्रतिशत, फरीदाबाद में 2 प्रतिशत, पंचकूला में 44 फीसदी व यमुनानगर में 6 प्रतिशत कम बरसात हुई थी। इसी तरह से झज्जर में औसत से 102, फतेहाबाद में 89 प्रतिशत, कैथल में 80 जबकि सोनीपत में 84 प्रतिशत अधिक बरसात दर्ज की थी।
प्रदेश में कहां कितनी हुई वर्षा
एक दिन पहले प्रदेश में 89 मिलीमीटर हिसार में दर्ज की गई है। इसके बाद पंचकूला में 67 मिलीमीटर, फतेहाबाद में 32.5 एमएम, करनाल में 24.2 एमएम, सिरसा में 2 एमएम, महेंद्रगढ़ में 23 एमएम, सोनीपत में 25 एमएम सहित अन्य जिलों में हल्की वर्षा दर्ज की गई।