-कुलदीप के इस्तीफे के बाद राजनीतिक हलचल हुई तेज
हिसार, 16 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): आदमपुर विधानसभा सीट से त्यागपत्र देने और भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद कुलदीप बिश्रोई अब पूरी तरह से आदमपुर में सक्रिय हो गए हैं। इस कड़ी में कुलदीप बिश्नोई और उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई का आदमपुर में 18 अगस्त से 20 अगस्त तक दौरा शुरू हो रहा है। 19 अगस्त को कुलदीप बिश्नोई हिसार स्थित बिश्नोई मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव में भी शिरकत करेंगे। गौरतलब है कि कुलदीप बिश्रोई ने 3 अगस्त को चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था। इससे पहले 2 अगस्त को कुलददीप आदमपुर में गए थे और कार्यकर्ताओं से राय मशविरा लिया। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र हुड्डा और उसके बेटे दीपेंद्र ने कुलदीप को आदमपुर में घेरने के लिए राजनीतिक गतिविधियां तेज कर दी। दोनों बाप बेटे पिछले करीब दस दिनों में दो बार हिसार में दस्तक दे चुके हैं। जबकि कुलदीप बिश्नोई इस्तीफा देने के बाद पिछले 10 दिनों में 1 बार भी आदमपुर नहीं आए। कुलदीप बिश्नोई 2 अगस्त को आदमपुर में आकर वर्करों से मीटिंग करके 3 अगस्त को चंडीगढ़ चले गए। 4 अगस्त को दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए। उसी दिन राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कुलदीप के विरोधी और पूर्व मंत्री संपत सिंह को कांग्रेस महासचिव से मिलाया। इसके बाद 8 अगस्त को संपत सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आदपमुर में छह माह की अवधि में चुनाव होना है।
भव्य के सामने संपत्त के बेटे आ सकते हैं चुनावी मैदान में
आदमपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर राज्य की सियासत में हलचल तेज है और इस उपचुनाव को लेकर इन दिनों प्रदेश की राजनीति में प्रोफेसर के नाम से मशहूर संपत्त सिंह के अलावा इस सीट से त्यागपत्र देने वाले कुलदीप बिश्रोई लगातार सुर्खियो में बने हुए हैं। आदमपुर में प्रस्तावित उपचुनाव में कुलदीप बिश्रोई के बेटे भव्य बिश्रोई भाजपा से जबकि प्रो. संपत्त सिंह के बेटे गौरव संपत्त सिंह कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं। कुलदीप बिश्रोई के बेटे भव्य बिश्रोई अभी विदेश में हैं। विदेश से लौटने के बाद भव्य भी भाजपा में शामिल हो जाएंगे। इससे पहले भी भजनलाल परिवार और संपत्त सिंह चुनावों में आमने-सामने होते रहे हैं। प्रो. संपत्त सिंह अपने 45 वर्ष के सियासी कॅरियर में भजनलाल परिवार के चार सदस्यों के सामने पांच चुनाव लड़ चुके हैं। भजनलाल, जसमां देवी, चंद्रमोहन के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। 2008 में चौधरी भजनलाल से आदमपुर से विधानसभा उपचुनाव हारे और 2009 में संसदीय चुनाव में संपत्त सिंह को हिसार सीट से चौधरी भजनलाल ने मामूली वोटों के अंतर से हराया। 2009 के विधानसभा चुनाव में संपत्त सिंह ने नलवा सीट से चौधरी भजनलाल की पत्नी जसमां देवी को कांग्रेस की टिकट पर हराया। इसी तरह से 2014 के चुनाव में नलवा से कांग्रेस की टिकट पर संपत्त सिंह ने चुनाव लड़ा। इस चुनाव में हजकां से चंद्रमोहन उम्मीदवार थे। 2014 के नलवा चुनाव में चंद्रमोहन और प्रो. संपत्त सिंह दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा और तब इनैलो से रणबीर गंगवा विधायक बने थे। इसी प्रकार से 2014 के संसदीय चुनाव में हिसार सीट से संपत्त सिंह कांग्रेस के उम्मीदवार थे और कुलदीप बिश्रोई हजकां से चुनाव लड़े। उस चुनाव में इनैलो दुष्यंत चौटाला ने जीत दर्ज की थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में नलवा से प्रो. संपत्त सिंह की टिकट ही कट गई तब कांग्रेस ने कुलदीप के समर्थक माने जाने वाले रणधीर पनिहार को चुनाव लड़वाया। अब पनिहार भाजपा के उम्मीदवार रणबीर गंगवा से चुनाव हार गए थे।