सोनाली मर्डर मिस्ट्री: अब भी सुलग रहे हैं कई सवाल
गोवा, 27 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): सोनाली फौगाट की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए सुधीर सांगवान और सुखविंद्र को दस दिन के पुलिस रिमांड पर लिए जाने के आदेश गोवा की अदालत ने दिए हैं। इस दिनों की इस लंबी रिमांड अवधि के दौरान पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर कई सवालों जवाब तलाशने की कोशिश करेगी। पुलिस की अब तक की पूछताछ में सुधीर और सुखविंद्र ने यह कबूल कर लिया है कि सोनाली को उन्होंने जबरन ड्रग दिया था। यह ड्रग कहां से आया है? इस बारे में पुलिस अभी जांच कर रही है और इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर सुधीर और सुखविंद्र ने क्या इरादत्तन सोनाली का मर्डर किया? मर्डर के पीछे की मंशा क्या थी? परिवार लगातार कह रहा है कि सोनाली का मर्डर किया गया। परिवार का आरोप है कि सोनाली को ड्रग दिया गया और उससे मारपीट की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सोनाली के चेहरे पर चोट के निशान मिले हैं। परिवार ने मांग की है कि सुधीर और सुखविंद्र को फांसी की सजा दी जाए। पुलिस अब दस दिनों की रिमांड अवधि में दोनों आरोपियोंं से सख्ती से पूछताछ करेगी। अभी तक की पुलिस जांच और दूसरे आधार पर कई तरह के संगीन आरोपों में घिरे सुधीर सांगवान को जब यह मालूम था कि सोनाली नशा नहीं लेती है तो उसे इतनी हैवी मात्रा में ड्रग क्यो दिया गया। जांच में सामने आया है कि सोनाली को करीब डेढ़ ग्राम ड्रग दिया गया। यह किसी भी नशेड़ी द्वारा एक बार में ली जाने वाली मात्रा से भी कहीं अधिक है। इसके अलावा गोवा के जिस नाइट क्लब कर्लीज में यह वारदात हुई, वहां के वाशरुम में भी पुलिस को ड्रग मिला है। क्या सुधीर सोनाली की प्रोपर्टी पर नजर रखे हुए था? या कोई ऐसा राज था जिसे दफन करने के मकसद से सुधीर ने ऐसा किया? क्या इसके पीछे कोई सियासी साजिश है? या फिर सुधीर ने पैसे के लालच में ऐसा किया? ये सारे सवाल न केवल परिवार की तरफ से उछाले जा रहे हैं, बल्कि सोनाली के प्रशंसक भी इन सवालों के जवाब चाहते हैं। हालांकि सोनाली की मौत के बाद गोवा के डीजीपी जसपाल सिंह की ओर से बिना पोस्टमार्टम के ही सोनाली की मौत का कारण हार्ट अटैक आने के बाद गोवा पुलिस पर भी सवाल उठने लगे थे। गोवा पुलिस ने तो हार्ट अटैक का कारण बताते हुए साफ तौर पर एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया था। परिवार लगातार दबाव बनाता रहा। सोनाली के भाई रिंकू और जीजा अमन पूनियां मंगलवार को गोवा पहुंच गए थे और वे एफआईआर दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे। खैर परिवार की ओर से किए गए प्रयासों के बाद ही गोवा पुलिस हरकत में आई और इसका नतीजा हुआ कि कई अहम खुलासे सोनाली की मौत के दो दिन के भीतर हुए हैं। अब दस दिन के रिमांड के बाद पुलिस आरोपियों से कुछ और भी राज खुलवाएगी।