हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने गुलाम नबी आजाद से की मुलाकात, हरियाणा में कांग्रेस पर हुड्डा खेमे का है पूरा कब्जा
दिल्ली, 31 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस से इस्तीफा दिए जाने के बाद कांग्रेस में उठापटक का सिलसिला जारी है। इसी बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक दिन पहले आजाद से दिल्ली में मुलाकात की। हुड्डा के अलावा आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण ने भी गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की। ये सभी नेता जी-23 का हिस्सा रहे हैं और जी-23 की अगुवाई शुरू से आजाद ही करते आए हैं। हालांकि इन तीनों नेताओं ने इसे एक औपचारिक मुलाकात बताया है, पर राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा लगातार जारी है कि आजाद के संपर्क में कई बड़े नेता है, जो जल्द ही कांग्रेस से किनारा कर सकते हैं। वैसे हुड्डा इस समय हरियाणा कांग्रेस में एक पॉवरफुल नेता बनकर उभरे हैं और पार्टी ने उनकी तमाम शर्तों को मानते हुए इसी साल अप्रैल में कांग्रेस के संगठन में बड़ा बदलाव किया। हाईकमान ने हुड्डा के दबाव के आगे पहले कुमारी सैलजा को कांग्रेस प्रदेश प्रमुख के पद से हटाया और इसके बाद हुड्डा के भरोसेमंद उदयभान को कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष भी बनाया। इससे पहले भी कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा के बेटे दीपेंद्र को राज्यसभा में भेजा। हुड्डा खुद कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं और इस समय कांग्रेस के करीब सभी विधायक भी हुड्डा के साथ हैं। गौरतलब है कि कुछ साल पहले गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, भूपेंद्र हुड्डा सहित कांग्रेस के 23 बड़े नेताओं ने एक समूह बनाया। कांग्रेस हाईकमान पर सवाल उठाते हुए इन नेताओं ने पार्टी में सुधार के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। माना जा रहा है कि उस चि_ी के बाद से जी-23 के अधिकांश नेता पार्टी में हाशिए पर चल रहे हैं। पर हुड्डा के दबाव के आगे हरियाणा में हाईकमान उनकी सभी शर्तों को मानती आई है। हालांकि हुड्डा की अब आजादसे मुलाकात के कई मायने में हैं और इस मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है। भले ही तीनों नेताओं ने कहा कि वे गुलाम नबी आजाद के पुराने दोस्त हैं और मुलाकात औपचारिक थी। खैर आजाद के खेमे में हुड्डा का रुकना कांग्रेस को सतर्क करने वाला है।