-पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट कैबीनेट में स्वीकृत होने पर बीसीए को मिलेगा पंचायत राज प्रणाली में आरक्षण के जरिए प्रतिनिधित्व
चंडीगढ़, 31 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): हरियाणा में अब पंचायती राज प्रणाली में पिछड़ा वर्ग-ए. को राजनीतिक तौर पर उचित प्रतिनिधित्व देते हुए आरक्षण दिए जाने संबंधी फैसले पर सरकार ने मोहर लगा दी है। पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को कैबीनेट की मीटिंग में स्वीकृत करने के बाद अब पंचायती राज प्रणाली में बीसीए ए-श्रेणी को आरक्षण मिलेगा।
ग्राम पंचायत में बीसीए को मिलेगा ऐसे लाभ
पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंच का पद पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षित किए जाने की सिफारिश की है। ग्राम पंचायत की कुल जनसंख्या में पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के आधे प्रतिशत के रूप में ग्राम पंचायत सदस्यों की कुल संख्या उसी अनुपात में आरक्षित की जाएंगी। यदि डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा। यदि पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी ग्राम पंचायत की की कुल आबादी का दो प्रतिशत या अधिक है तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में पिछड़े वर्ग (ए) से संबंधित कम से कम एक पंच होगा। इसी प्रकार एक खंड में सरपंच के पदों की कुल संख्या का आठ प्रतिशत पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षित होगा। उदाहरण के तौर पर यदि किसी खंड में 50 ग्राम पंचायतें हैं तो 4 पंचायतें पिछड़ा वर्ग-ए के लिए आरक्षित होंगी।
ब्लॉक समिति में ऐसे मिलेगा आरक्षण
प्रत्येक पंचायत समिति में सदस्य के पद पिछड़े वर्ग (ए) के लिए आरक्षित होंगे और इस प्रकार ब्लॉक की कुल आबादी में पिछड़े वर्ग की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में पंचायत समिति में सीटों की कुल संख्या उसी अनुपात में आरक्षित होंगी। यदि डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।
जिला परिषद में अनुशंसित आरक्षण
प्रत्येक जिला परिषद में सदस्य के पद पिछड़े वर्गों (ए) के लिए आरक्षित होंगे और इस प्रकार आरक्षित सीटों की संख्या, जिला परिषद क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़े वर्ग की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में जिला परिषद में सीटों की कुल संख्या उसी अनुपात में आरक्षित होंगी। आरक्षण अनुसूचित जाति और बीसी (ए) के पक्ष में आरक्षित कुल सीटों के कुल 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
जहां अनुसूचित आबादी पचास फीसदी या अधिक, वहां नहीं मिलेगा लाभ
आयोग द्वारा इन सिफारिशों को स्पष्टï करते हुए उदाहरण दिया गया है कि मान लीजिए गांव में पिछड़े वर्ग ब्लॉक ए की आबादी ग्राम सभा की कुल आबादी का 25 प्रतिशत है, तो 12.5 प्रतिशत सीटें पिछड़ा वर्ग ब्लॉक (ए) के नागरिकों के लिए आरक्षित होंगी। जहां किसी दिए गए गांव में अनुसूचित जाति की आबादी 50 प्रतिशत या उससे अधिक है तो पिछड़े वर्ग (ए) को अपनी आबादी की प्रतिशतता के बावजूद भी कोई आरक्षण नहीं मिलेगा। जहां अनुसूचित जाति की आबादी ग्राम सभा की आबादी का 40 प्रतिशत है और ग्राम सभा में 10 सीटें हैं तो 4 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होंगी और एक सीट पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षण के लिए उपलब्ध होगी। ऊपर उल्लिखित अन्य शर्र्तें लागू रहेंगी।
ग्राम सभा में पिछड़ा वर्ग ब्लॉक (ए) की आबादी 2 प्रतिशत या उससे अधिक होने पर उन्हें ग्राम पंचायत में एक सीट मिलेगी, भले ही उनके लिए उपलब्ध आरक्षण के प्रतिशत के अनुसार उनके लिए कोई भी सीट उपलब्ध न हो।