भारत में कोरोना के इतिहास में पहली दफा एक दिन में 4525 मौतें
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए केस 3 लाख के आंकड़े से नीचे तो आ गए हैं लेकिन अभी खतरा टला नहीं है। कोरोना के नए केसों में काफी गिरावट दर्ज की जा रही है लेकिन बढ़ रही मौतों के मामले परेशानी पैदा करने वाले हैं। देश में इतनी मौतें तब भी नहीं हो रही थी जब कोरोना चरम पर था। देश में एक दिन में मंगलवार को कोरोना से 4525 लोगों की मौतें हुई हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। बीती 6 मई को जब देश में देश में कोरोना के सबसे अधिक मामले (4.14 लाख) आए थे, उस दिन कोरोना से 3920 लोगों की मौत हुई थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 267174 नए केस आए हैं, जो कि कल के मुकाबले करीब पांच हजार केस अधिक हैं। कल एक दिन पहले 2.63 लाख कोरोना केस आए थे और मौतों की संख्या भी कम होकर 4340 दर्ज की गई थी। आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 25495144 पहुंच गई है। इनमें से एक्टिव केसों की संख्या 21979703 है। मंगलवार को करीब 3.89 लाख से अधिक कोरोना मरीज ठीक हुए।
कोरोना वायरस से अब तक सबसे अधिक 4525 मौतें मंगलवार को हुई। कोरोना की किसी भी लहर में होने वाली एक दिन में मौतों का यह सर्वाधिक आंकड़ा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 6 मई को कोरोना के मामले सर्वाधिक थे और तब 4.14 लाख नए संक्रमित लोग मिले थे। लेकिन बुधवार को यह आंकड़ा भले ही 2.67 लाख तक नीचे आ गया, लेकिन इस बीच मौतें बढ़ गईं।
1 लाख 63 हजार मामले कम हुए
सुखद बात यह है कि एक दिन में सक्रिय मामलों में रिकॉर्ड 1,63,232 की कमी आई है। मतलब नए संक्रमण कम होने के साथ सक्रिय मामले भी तेजी से घट रहे हैं। जहां 8 मई को देश में सक्रिय मामलों की संख्या 37.23 लाख थी वहीं मंगलवार को यह घटकर 33.53 लाख रह गए।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना मामलों की पीक से अगले 15 दिनों तक मौतों की दर ऊंची बनी रहेगी और उसके बाद कमी शुरू होगी। संक्रमण के चरम पर पहुंचने का असर मौतों पर अगले 15 दिनों तक दिखता है। क्योंकि कोई व्यक्ति संक्रमित होता है तो उसे ठीक होने में कम से कम 15 दिन लगते हैं। वह स्वस्थ हो सकता है या उसकी मृत्यु हो सकती है। 7 मई के बाद से अगले 15 दिनों तक मौतों का आंकड़ा स्थिर रह सकता है तथा इसमें कुछ बढ़ोतरी भी हो सकती है।