शराब ठेकेदार को पकड़ने गए थे एसआई, ठेकेदार ने मारी थी गोली
जन सरोकार ब्यूरो । रेवाड़ी
15 नंवबर 2018 को धारूहेड़ा सीआईए-2 के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर रणबीर सिंह की हत्या मामले में रेवाड़ी में एडिशनल सेशन जज की कोर्ट ने हत्या के दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। 4 साल पहले हरियाणा पुलिस के सब इंस्पेक्टर रणबीर सिंह की हत्या हुई थी। उस वक्त वह CIA-2 के इंचार्ज थे। शराब ठेकेदार मर्डर के वांटेड नरेश धारूहेड़ा ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। कोर्ट ने इस मामले में आरोपी नरेश को दोषी करार दिया था। आज फांसी की सजा सुनाई है।
बता दें कि 15 नवंबर 2018 को धारूहेड़ा CIA-2 के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर रणबीर सिंह को सूचना मिली थी कि शराब ठेकेदार की हत्या और दूसरे मामले में वांछित खरखड़ा निवासी नरेश धारूहेड़ा के औद्योगिक क्षेत्र में घूम रहा है। सूचना मिलने के बाद सब इंस्पेक्टर रणबीर सिंह अपनी टीम के साथ नरेश की गिरफ्तारी के लिए रवाना हो गए। धारूहेड़ा-भिवाड़ी बॉर्डर के समीप अलवर बाइपास के निकट पुलिस ने नरेश को घेर लिया। इसी दौरान उसने पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी।
फायरिंग में सब इंस्पेक्टर रणबीर के पेट के ऊपरी हिस्से में गोली लगी थी। पुलिस ने क्रॉस फायरिंग करते हुए नरेश को गिरफ्तार कर लिया था। रणबीर को घायलवास्था में एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया था, जहां रणबीर सिंह ने दम तोड़ दिया था। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए नरेश से पूछताछ की तो उसे हथियार उपलब्ध कराने वाले मोदी नगर के संतपुरा गोविंदपुरी निवासी संजीव उर्फ संजू और देहरादून की ईदगाह कॉलोनी निवासी सुधीर उर्फ टिल्लू के नाम सामने आए थे। पुलिस ने तीनों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट सहित कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।
करीब 4 साल तक एडिशनल सेशन कोर्ट में इस मामले में कुल 26 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। वकीलों की दलीलें और गवाहों के बयान के आधार पर हत्या के मामले में संदेह के चलते कोर्ट ने गुरुवार को संजीव और सुधीर को हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया था। कोर्ट ने मुख्य आरोपी नरेश को हत्या का दोषी करार दिया था। शुक्रवार को नरेश की पेशी के वक्त पूरा कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील रहा। इसके बाद कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई।
1992 में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए: रणबीर सिंह 2 अगस्त 1992 में हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। रणबीर पहले भी गौ तस्करों से मुठभेड़ में घायल हो चुके हैं। उनके परिवार में छोटा भाई मनबीर, मां, पत्नी, 2 बेटियां और एक 13 साल का बेटा है. वो परिवार के साथ दिल्ली रोड स्थित पुलिस लाइन में रहते थे। रणबीर के पिता भी हरियाणा पुलिस में ASI रह चुके हैं.ADJ एडिशनल सेशन जज ने सुनाए कई अहम फैसले:
कई बड़े मामलों में सुनवाई कर चुके ADJ एडिशनल सेशन जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग अपने फैसलों के लिए काफी चर्चित रह चुके हैं। वह गुरमीत राम रहीम को रणजीत हत्याकांड और अब्दुल करीम टुंडा को बम ब्लास्ट मामले में सजा सुना चुके हैं। शुक्रवार को एक और ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दोषी नरेश को फांसी की सजा सुनाई है.