-फ्री हैंड मिलने के बाद हुडा के सामने पहली चुनौती, 2024 का सेमीफाइल माना जा रहा आदमपुर उपचुनाव

जन सरोकार ब्यूरो | आदमपुर
3 नवंबर को होने वाले आदमपुर उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है तथा 23 लोगों ने नॉमिनेशन किया है। आदमपुर भजनलाल परिवार का पुराना गढ़ है इसलिए कई लोग मान रहे हैं कि यहां भव्य बिश्नोई की राह आसान है लेकिन यदि धरांतल पर जाकर चीजों को बारीकी से देखा जाए तो इस उपचुनाव में भजनलाल परिवार की राह जितनी आसान दिख रही है उतनी आसान है नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि 1996 के बाद लगातार 26 साल तक विपक्ष में रहने के चलते आदमपुर की जनता विकास को तरस गई है। कुलदीप के बार-बार दल बदलने और गलत राजनीतिक निर्णय लेकर हलके को विकास के मामले में पीछे धकेलने तक के आरोप आदमपुर के आम लोग लगा रहे हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी पर जहां साख बचाने का दबाव है वहीं इनेलो को इस चुनाव में सांस आने की उम्मीद है जबकि आम आदमी पार्टी को भविष्य यानि 2024 की आस है। आज नॉमिनेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब अब जैसे-जैसे चुनाव प्रचार गति पकड़ेगा वैसे ही समीकरण घंटों के हिसाब से समीकरण बदलेंगे।
फ्री हैंड मिलने के बाद हुडा की पहली परीक्षा
कुछ महीने पहले ही चौधरी उदयभान के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद हरियाणा कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुडा को फ्री हैंड दिया हुआ है। हुडा को फ्री हैंड मिलने के बाद उनके सामने यह उपचुनाव पहली चुनौती है। इससे पहले हुडा अपने गढ़ में हुए बड़ोदा उपचुनाव में पार्टी को जीत दिलवा चुके हैं लेकिन शैलजा के नेतृत्व में पार्टी ऐलनाबाद में अच्दा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। कांग्रेस पार्टी में फूट होना और जयप्रकाश जेपी का बाहरी प्रत्याशी होना भी हुडा के सामने बड़ी चुनौती होगी।
सम्मान दिवस रैली के बाद हौंसले में इनेलो
25 सितंबर को ताऊ देवीलाल की जयंती पर इनेलो ने फतेहाबाद में आयोजित सम्मान दिवस रैली में अच्छी भीड़ जुटाई थी। इसके बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह भी है। वहीं इनेलो को कुरडाराम के रूप में अच्छे जनाधार वाला प्रत्याशी भी मिल गया है। ऐसे में पार्टी को आदमपुर में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है, यदि पार्टी इस उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन करती है तो आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाएगी।
सतेंद्र में भविष्य देख रही आप
आम आदमी पार्टी का हरियाणा में अभी तक बड़ा जनाधार नहीं है, लेकिन दिल्ली में सरकार रिपीट होने और पंजाब में इसी साल सरकार बनने के बाद पार्टी काफी हौंसले में है और लगातार संगठन को मजबूत करने में लगी हुई है। आप ने यहां से भाजपा छोड़कर आए सतेंद्र को टिकट दिया है। सतेंद्र आदमपुर से 2014 का विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं तथा पिछले 10 साल से सक्रिय हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी को आदमपुर से काफी उम्मीदे हैं। यह चुनाव आगामी विधानसभा चुनाव में आप की भूमिका क्या रहने वाली है यह भी तय करेगा।