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Saturday, November 23, 2024
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औद्योगिक इकाईयों को नेचुरल गैस वैट में 50 प्रतिशत मिलेगी छूट

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक में लिया गया निर्णय

MLA said - ministers do not meet in secretariat, CM instructed to stay in office for two days in a week

जन सरोकार ब्यूरो।

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में उन औद्योगिक इकाईयों को मूल्य संवर्धन कर (वैट) में 50 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया है, जो अपनी ऊर्जा की आवश्यकता डीजल से चलने वाले जनरेटर सेट की बजाय नेचुरल गैस से पूरा करेंगी। यह योजना एमएसएमई सहित पूरे उद्योगों पर लागू होगी तथा इसकी अधिसूचना तिथि से 2 वर्ष तक प्रभावी रहेगी।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल से चलने वाले जनरेटर सेट के उपयोग को प्रतिबंधित किया हुआ है। अब जो उद्योग अपनी ऊर्जा की आवश्यकता सीएनजी, पीएनजी से पूरा करेंगे उनको वैट में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी।

इसी प्रकार, हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2022 के तहत इलेक्ट्रिक वाहन विनिमार्ता कंपनियों को प्रति वर्ष विभिन्न मदों में 164.66 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने को भी कमेटी ने स्वीकृति प्रदान की।

बैठक में बताया गया कि ईवी नीति का उद्देश्य पर्यावरण को संरक्षित करना, कार्बन फुटप्रिंट को कम करना, हरियाणा को ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना, ईवी क्षेत्र में कौशल विकास सुनिश्चित करना, ईवी वाहनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना और ईवी तकनीक में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करना है।

यह नीति ईवी प्रौद्योगिकी में नए विनिर्माण को प्रोत्साहित करती है और मौजूदा ऑटोमोबाइल निर्माताओं को ईवी विनिर्माण क्षेत्र में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित भी करती है। नीति में ईवी निर्माताओं को फिक्स्ड पूंजी निवेश (एफसीआई), कुल एसजीएसटी, स्टाम्प शुल्क पर प्रोत्साहन देकर विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना, रोजगार सृजन इत्यादि शामिल हैं।

यह नीति शैक्षिक या अनुसंधान संस्थानों में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करती है । वर्ष 2030 तक हरियाणा राज्य परिवहन उपक्रमों के स्वामित्व वाले बस बेड़े को शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसों या ईंधन सैल वाहनों या अन्य गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित प्रौद्योगिकियों में बदलने का प्रयास किया जाएगा।
इसके अलावा, सरकार ने गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों को मॉडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (ईएम) शहरों में शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), ई-मोबिलिटी हासिल करने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को अपनाने के लिए चरणबद्ध लक्ष्य निर्धारित किए हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, परिहवन विभाग के प्रधान सचिव श्री नवदीप विर्क, हरियाणा राज्य ओद्यौगिक एवं अवसंरचना विकास निगम कें प्रबंध निदेशक श्री विकास गुप्ता और उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक श्री शेखर विद्यार्थी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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