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Saturday, November 23, 2024
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सरकार ने माना, हवा में भी फैल सकता है कोरोना वायरस

कोरोना संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स दो मीटर तक जा सकते हैं

नई दिल्ली। अब सरकार ने भी यह पूरी तरह से मान लिया है कि कोरोना वायरस हवा से भी फैल सकता है। इसी कान्सेप्ट पर अब सरकार अपनी पॉलिसी भी बना रही है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के मुताबिक, एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स कोरोना वायरस के फैलने के प्रमुख कारण हैं। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स हवा में दो मीटर तक जा सकते हैं, जबकि एयरोसोल उन ड्रॉपलेट्स को 10 मीटर तक आगे बढ़ा सकता है और संक्रमण का खतरा पैदा कर सकता है। यहां तक कि एक संक्रमित व्यक्ति जिसमें कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, वह वायरल लोड बनाने लायक पर्याप्त ड्रॉपलेट्स छोड़ सकता है जो कई अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसका मतलब साफ है कि अब कोरोना से बचने के लिए 10 मीटर की दूरी भी काफी नहीं है।

वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के मुताबिक, संक्रमित व्यक्ति के सांस छोडऩे, बोलने, गाने, हंसने, खांसने और छींकने से लार और नाक से निकलने वाले स्राव में वायरस निकलता है, जो दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए संक्रमण की इस चेन को तोडऩे के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करना बहुत जरूरी है। मास्क पहनें, सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाएं और हाथ धोते रहें। विशेषज्ञों के मुताबिक, एक संक्रमित व्यक्ति में लक्षण दिखने में दो सप्ताह तक का समय लग सकता है, इस दौरान वे दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में लक्षण नहीं भी दिखते हैं, फिर भी वे वायरस फैला सकते हैं।
सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक, बंद और गैर-हवादार इनडोर जगहों में ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल कोरोना वायरस के फैलाव के जोखिम को बहुत बढ़ा देते हैं। हालांकि विशेषज्ञ हमेशा से ये कहते आए हैं कि वेंटिलेशन वाले जगहों पर और आउटडोर जगहों पर संक्रमण के फैलने का खतरा कम रहता है।

गाइडलाइन में उन सतहों की लगातार और नियमित रूप से सफाई करने को कहा गया है, जिनके संपर्क में लोग ज्यादा रहते हैं। इसमें दरवाजे का हैंडल, लाइट स्विच, टेबल, कुर्सी आदि शामिल हैं। इन्हें ब्लीच और फिनाइल आदि से साफ करने की सलाह दी गई है। गाइडलाइन के मुताबिक, ग्लास, प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर वायरस लंबे समय तक जिंदा रहता है। इसलिए इन चीजों की नियमित रूप से सफाई जरूरी है। घर के बर्तन आजकल ग्लास, प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील के ही प्रयोग में लाए जाते हैं इसलिए सफाई में सावधानी बरतने की काफी आवश्यकता है।

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