
जन सरोकार ब्यूरो
गाजियाबाद। भाई के जन्मदिन के दिन गायब होने के बाद सड़क किनारे बोरी में बंद मिली महिला द्वारा लगाए गए गैंगरेप व राड़ घुसाने के मामले को गाजियाबाद पुलिस ने फर्जी करार देते हुए फर्जी गैंगरेप का हल्ला मचाने वाली महिला पिंकी को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होते ही गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को पिंकी को जेल भेज दिया गया। एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा हॉस्पिटल से पल.पल का हेल्थ बुलेटिन ले रही थीं।
डॉक्टरों ने पूरा आश्वस्त कर दिया था कि महिला को कोई भी गंभीर चोट नहीं है। ऐसे में पुलिस ने तय कर लिया था कि डिस्चार्ज के बाद ही महिला को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाएगा और आखिर में हुआ भी यही।
इस मामले को सबसे पहले राष्ट्रीय स्तर पर सामने लाने वाली दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने झूठ का पर्दाफाश होने के बाद खुद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने साफ कहा था कि मामले की हाईलेवल जांच हो। अगर महिला साजिश में शामिल पाई जाती है तो उसके विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई हो। इस चिट्ठी के कुछ घंटे बाद ही महिला को गिरफ्तार कर लिया गया।
सड़क किनारे बोरी में पड़ी मिली
दिल्ली के जनता फ्लैट निवासी 36 वर्षीय महिला 16 अक्टूबर की शाम अपने भाई के बर्थडे पार्टी में गाजियाबाद के नंदग्राम इलाके में आई थी। रात में साढ़े 9 बजे वापस दिल्ली जाते वक्त वो लापता हो गई। 18 अक्टूबर की सुबह साढ़े तीन बजे ये महिला नंदग्राम इलाके में ही बंद बोरी में सड़क किनारे पड़ी मिली।
महिला ने पुलिस को शुरुआती बयान दिया कि पांच युवक उसे स्कॉर्पियो से अगवा करके अज्ञात स्थान पर ले गए। वहां उन्होंने रेप किया और फिर प्राइवेट पार्ट में रॉड घुसा दी। महिला के भाई ने नंदग्राम थाने में पांच मुस्लिम युवकों के खिलाफ गैंगरेप की एफआईआर कराई।
19 अक्टूबर की सुबह इस मामले को सबसे पहले दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल सबके सामने लेकर आईं। उन्होंने ट्वीट करके इस घटनाक्रम की जानकारी दी। साथ ही स्वाति ने गाजियाबाद पुलिस को चिट्ठी लिखकर कार्रवाई के लिए कहा। इसके बाद लखनऊ से दिल्ली तक हलचल मच गई। लोगों ने इस केस की तुलना दिल्ली के निर्भया केस से कर दी।
दावा. महिला के साथ गैंगरेप जैसा कुछ नहीं हुआ, लोहे की वस्तु महिला ने खुद डाली
गाजियाबाद पुलिस ने 21 अक्टूबर को श्स्क्रिप्टेड गैंगरेपश् का पर्दाफाश कर दिया। मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ने खुलासा किया कि महिला ने 53 लाख रुपए की प्रॉपर्टी कब्जाने के लिए दूसरे पक्ष पर संगीन आरोप लगाए थे। महिला के साथ गैंगरेप जैसा कुछ नहीं हुआ।
पुलिस ने दावा किया कि महिला के प्राइवेट पार्ट से सीमन वीर्यद्ध नहीं मिला। उसने लोहे की वस्तु अपने प्राइवेट पार्ट में खुद डाली थी। महिला के कहने पर उसको बोरे में बंद करने वाले आजाद और अफजाल थे। जबकि गौरव अपनी गाड़ी से महिला को घटनास्थल पर लेकर आया और सड़क पर लिटाकर तीनों चले गए।
गैंगरेप का षड़यंत्र रचने में आजादए अफजाल और गौरव पहले ही जेल जा चुके हैं। महिला जीटीबी हॉस्पिटल दिल्ली में भर्ती थी। शनिवार दोपहर डिस्चार्ज होते ही गाजियाबाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
चारों आरोपियों पर नया मुकदमा दर्ज
पुलिस ने बताया कि इस मामले में पिंकी, आजाद, अफजाल और गौरव पर एक केस अलग से दर्ज किया गया है। इसमें उन पर गैंगरेप का षड़यंत्र रचने, पुलिस और डॉक्टरों को भ्रमित करनेए झूठी खबर प्रसारित करने जैसे संगीन आरोप लगाए हैं। पुलिस ने बताया कि महिला के भाई ने गैंगरेप का जो मुकदमा दर्ज कराया थाए उसकी जांच चलती रहेगी। हालांकि माना ये जा रहा है कि पुलिस जल्द ही अपनी जांच में उस मुकदमे को एक्सपंज करके कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर देगी।