अधिक सुविधा वाले अस्पताल पीएसए प्लांट लगाएं
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह एंफोटेरिसिन बी की दवाई से संबंधित तमाम आंकड़े कोर्ट के सम्मुख प्रस्तुत करे। साथ ही हलफनामा दायर करके आंकड़ों की जानकारी भी दे। यह दवाई ब्लैक फंगस के उपचार में प्रयोग की जाती है। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कोरोना बीमारी से उपचारित हुए लोगों में ब्लैक फंगस की शिकायत के इलाज के लिए जरूरी दवाइयों के आयात के बारे में किए गए कार्य की जानकारी मांगी है। यह दवा कितनी उपलब्ध है, कितनी बढ़ोतरी की जाएगी, बीमारी के मौजूदा कितने मामले हैं और इनमें संभावित फैलाव को लेकर भी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है।
ज्ञात हो कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इससे पहले 100 या इससे ज्यादा बिस्तर वाले सभी अस्पतालों को पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्देश दिया और कहा कि कोरोना के मरीजों के उपचार के दौरान मेडीकल ऑक्सीजन की कमी का जो कड़वा अनुभव है, उससे सीख लेनी चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि कम से कम 100 बिस्तर या उससे अधिक बिस्तर वाले बड़े अस्पतालों के पास अपने स्वयं के पीएसए प्लांट होने चाहिए जिनमें उनकी साधारण जरूरत से कम से कम दो गुना अधिक क्षमता हो। जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने दिल्ली सरकार के प्रिंसीपल सैक्रेटरी को अस्पतालों में पीएसए प्लांट लगाने की बात पर ध्यान देने का आदेश जारी किया है।