इससे पहले भी दो बार आमने सामने चुनाव लड़ चुके हैं परिवार के सदस्य, 9 नवंबर को होनी है वोटिंग
जन सरोकार ब्यूरो
सिरसा। करीब 17 साल बाद एक बार फिर जिला परिषद के चुनाव में ताऊ देवीलाल परिवार आमने-सामने हो रहा है। सिरसा के रानियां विधानसभा में पड़ने वाले वार्ड-6 में अभय सिंह चौटाला के बेटे कर्ण चौटाला के नामांकन भरने के बाद अब रणजीत सिंह चौटाला ने भी अपने बेटे गगनदीप को चुनाव लड़वाने का फैसला कर लिया है। माना जा रहा है कि दोनों के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है।
रानियां में रणजीत और इनेलो दोनों प्रभावशाली
यहां बता दें कि रानियां विधानसभा 2009 में बनी थी। इसके बाद यहां हुए पहले दो चुनावों में इनेलो का उम्मीदवार जीता था तथा रणजीत सिंह चुनाव हार गए थे। पिछले चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़े रणजीत सिंह यहां से जीते थे और अब प्रदेश सरकार में बिजली एवं जेल मंत्री हैं। ऐसे में रानिया में इनेलो और रणजीत सिंह दोनों का खूब प्रभाव है इसलिए वार्ड-6 के चुनाव को हॉट सीट के तौर पर देखा जा रहा है।
जानिए.. पहले कब-कब आमने सामने हुआ परिवार
जानकारी के अनुसार पहली बार 1996 में अभय सिंह ने जिला परिषद का चुनाव लड़ा था जिसमें उनके सामने ओपी चौटाला के भाई प्रताप चौटाला के बेटे ने रवि चौटाला ने नामांकन भरा था। यह चुनाव जीतकर अभय चौटला जिप के वाइस चेयरमैन बने थे। इसके बाद अभय सिंह ने 2005 में भी जिला परिषद का चुनाव लड़ा था और जिप चेयरमैन बने थे। इसके अलावा 2016 में भी अभय चौटाला की पत्नी के सामने आदित्य चौटाला डबवाली इलाके से जिला परिषद का चुनाव लड़े थे, इस चुनाव में आदित्य चुनाव जीते थे।
निकाय चुनाव हार गया था रणजीत का उम्मीदवार
पिछले दिनों प्रदेश में हुए निकाय चुनाव में रणजीत सिंह ने जिस उम्मीदवार का समर्थन् किया था वह चुनाव हार गया था तथा यहां से इनेलो काा प्रत्याशी चुनाव जीता था। अब देखना होगा कि जिला परिषद के इस चुनाव में कौन किसका हराता है। लेकिन यह बात तय है कि दोनों में गढ़ बचाने की जंग है।