धर्म परिवर्तन के मामले में प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो जिले के डीसी को पहले इसकी जानकारी देनी होगी
चंडीगढ़, 20 दिसंबर। हरियाणा में अब शादी के लिए धर्म परिवर्तन नहीं हो सकेगा। हरियाणा के राज्यपाल ने मंगलवार को धर्मांतरण पर रोक लगाने वाले कानून को मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब हरियाणा में कोई भी महिला और पुरुष शादी के लिए अब धर्म नहीं बदल पाएगा। इस नियम का कोई यदि उल्लंघन करता है तो उसे 3 से 10 साल तक की जेल होगी। हरियाणा सरकार की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी हो गई है। हरियाणा में पिछले चार वर्षों में जबरन धर्मांतरण के 127 मामले दर्ज हुए हैं। जिसके बाद हरियाणा देश का 11वां बीजेपी शासित प्रदेश बन गया है, जहां इस तरह का कानून बनाया गया है। सरकार की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी हो गई है। जारी अधिसूचना के अनुसार जबरन धर्मांतरण पर कठोर सजा का प्रावधना किया गया है। यदि कोई कानून की अवेहलना करता है तो 10 साल की सजा और 5 लाख तक जुर्माना हो सकता है। हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण कानून में आरोपी को पीड़ित को गुजारा भत्ता भी देना होगा। साथ ही मतांतरण के बाद विवाह से जन्मे बच्चों को मिलेगी भरण-पोषण राशि भी देनी होगी। यदि किसी आरोपी की मृत्यु होती है तो अचल संपत्ति को नीलाम करके पीड़ित को भरपाई की जाएगी। बता दें कि मार्च 2022 में बजट सत्र में हरियाणा सरकार यह विधेयक लाई थी। विधानसभा में पास होने के बाद उसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया था। अब इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी हुआ और यह कानून प्रदेश में लागू हो गया है। बता दें कि गलत बयान, बल का प्रयोग, धमकी, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी भी धोखाधड़ी या शादी के माध्यम से, शादी के लिए और उससे जुड़े मामलों के लिए एक धर्म से दूसरे धर्म में गैरकानूनी धर्मांतरण की रोकथाम के उद्देश्य से, राज्य सरकार द्वारा हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण अधिनियम, 2022 अधिनियमित किया गया था।