हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर दिन में धरनारत किसानों को थमाया गया था रोड खाली करने का नोटिस, दिन ढलते-ढलते आक्रामक हो गई पुलिस, कार्रवाई का विरोध करने पर दर्जनों सरपंच हिरासत में लिए गए
जन सरोकार ब्यूरो
पंचकूला, 4 मार्च। गैर-कानूनी तरीके से पंचकूला में सडक़ जाम कर ई-टेंडरिंग के विरोध में धरने पर बैठे सरपंचों को शनिवार रात को पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए जबरन सडक़ से हटा दिया। धरने के लिए लगाए तंबू उखाड़ दिए और इस कार्रवाई का विरोध करने पर दर्जनों आंदोलनकारी सरपंचों को हिरासत में ले लिया गया। इससे तीन दिन पहले पंचकूला-चंडीगढ़ बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान सरपंचों और पुलिस में भिड़ंत हो गई थी। जिसमें काफी लोगों को चोटें लगी थी।
दरअसल, सरंपचों द्वारा रोड जाम कर धरना देने के संदर्भ में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई करते हुए शनिवार को हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि शनिवार रात 10 बजे तक रोड जाम करके बैठे सरपंचों को हटाया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर 10 बजे तक रोड खाली नहीं हुआ तो पंचकूला के पुलिस कमिश्नर को खुद कोर्ट में आ कर इसकी वजह बतानी होगी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंचकूला पुलिस ने एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के जरिए धरनारत किसानों तक नोटिस भिजवाया और सख्त हिदायत दी कि दो घंटे के भीतर सडक़ खाली कर दी जाए। इस सूरत में सरपंच बैकफुट पर आ गए और उनकी चंडीगढ़ व पंचकूला पुलिस से बातचीत भी हुई। आखिरकार सरपंच एक साइड का रास्ता खाली करने पर राजी हो गए और थोड़ी ही देर में पंचकूला जाने के लिए राहगीरों के लिए एक साइड ओपन हो गई। इसके बाद पुलिस ने सरपंचों से लिखित में यह भी लिया कि वह अपनी मांगों के संदर्भ में मुख्यमंत्री से मिलने के लिए बैठे हैं और अब वह सीएम आवास की तरफ नहीं जाएंगे। बाद में, पुलिस ने धरने पर बैठे आंदोलनकारियों के लिए लगे तंबुओं को उखाड़ फेंका और विरोध करने वाले सरपंचों को बसों में भर कर ले गई। माना जा रहा है कि 50 से ज्यादा सरपंचों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है।