सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अफसर ‘गैर जिम्मेदार’ रहे

डेरा सच्चा सौदा चीफ गुरमीत के खिलाफ सीबीआई के गवाह रहे सीनियर जर्नलिस्ट आरके सेठी को मिली पुलिस सुरक्षा पिछले साल हरियाणा की बीजेपी सरकार ने हटा ली। साध्वियों से बलात्कार मामले में जब 2017 में डेरा चीफ को सजा सुनाई गई दी, उससे कुछ दिन पहले ही पत्रकार आरके सेठी को पुलिस सुरक्षा दी गई थी। मई 2024 में उन्होंने पुलिस को दिए बयान में कहा था कि डेरा चीफ गुरमीत जब-जब जेल से बाहर आता है, उनकी जान को खतरा बढ़ जाता है। लेकिन पुलिस ने उनकी सुरक्षा हटा ली। सीबीआई के सभी गवाहों को पुलिस सुरक्षा हासिल है। ऐसे में, पत्रकार आरके सेठी की सुरक्षा हटाने की वजह सरकार में बैठे कुछ ऐसे लोग माने गए, जिन्हें आरके सेठी का निष्पक्ष हो कर पत्रकारिता करना पसंद नहीं आया।
आज डेरा चीफ को मिली पैरोल के बाद पत्रकार आरके सेठी ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा कि ‘कातिल-बलात्कारी डेरा सच्चा सौदा चीफ गुरमीत का अब तो जेल से सिरसा ‘आना-जाना’ भी शुरू हो गया है, जब ये जेल से बाहर था और समर्थक गुंडे थे, हम तो तब भी लिखते थे जो सच था और आज भी लिखते हैं। सीबीआई कोर्ट में गवाही दी, लेकिन सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अफसर ‘गैर जिम्मेदार’ रहे। ना पहले झुके, ना अब झुकेंगे। मुझे सुरक्षा मिली, सुरक्षा हटाई गई। यह सब कुछ अफसरों और सत्ता के कुछ ‘दल्लों’ की ‘मनमर्जियों’ का खेल है। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सुरक्षा में रहूं या बिना सुरक्षा के। लेकिन सत्ता के जूते चाटने वालों को मालूम नहीं किससे खतरा हो जाता है, और सुरक्षा तुरंत मिल जाती है। किसी अफसर या नेता की चौखट पर जा कर जान को खतरे की दुहाई ना पहले दी थी और ना अब दूंगा। ये ‘सरकारी बदमाश’ और इसके गुंडों की फौज जो करेगी, देखा जाएगा।’