अमेरिकी नियमों के मुताबिक कार्रवाई हुई है। 2012 से ही यह नियम लागू है

जन सरोकार ब्यूरो
नई दिल्ली, 6 फरवरी। बीते दिन अमेरिकी सेना का सैन्य विमान पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अमेरिका ने 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को इस विमान से भारत वापस भेजा था। सडक़ से लेकर संसद तक यह मामला लगातार सुर्खियां बटोर रहा है। संसद में कई विपक्षी सांसदों ने इस पर सवाल खड़े किए वहीं अब विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने सदन में पूछे गए दो बड़े सवालों का जवाब दिया है।
अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने संसद में दो प्रश्न पूछे। पहला डिपोर्ट किए गए भारतीयों को चार्टेड फ्लाइट से लाने की व्यवस्था क्यों नहीं की गई? उन्हें चेन से कुर्सियों के साथ बांधकर क्यों लाया गया है? दूसरा सवाल यह है कि भारत पहुंचने वाली अमेरिकी फ्लाइट में सिर्फ पंजाब के लोग नहीं थे, ऐसे में उनको दिल्ली क्यों नहीं उतारा गया? यह विमान अमृतसर में ही क्यों लैंड हुआ? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका से लौटाए गए भारतीयों का खाका प्रस्तुत किया है।
उन्होंने कहा कि यह भारतीय बहुत बुरे हालात में वहां फंसे थे। पहली बार लोगों को वापस नहीं भेजा गया है। इससे पहले भी कई बार भारतीयों की वापसी हुई है और नियमों के तहत प्रवासियों को वापस भेजा गया है। अमेरिकी नियमों के मुताबिक कार्रवाई हुई है। 2012 से ही यह नियम लागू है। लोगों को वापस भेजने का तरीका नया नहीं है।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर के बयान कांग्रेस सांसद रणदीप सूरजेवाला ने पलटवार किया है। उनका कहना है कि अगर सरकार को डिपोर्टेशन की जानकारी थी तो इसे साझा क्यों नहीं किया गया? अभी कितने ऐसे भारतीय हैं जो अमेरिका में हैं। अगर वो अमेरिकी हिरासत में हैं तो उन्हें काउंसलर एक्सेस दिया जाए। बता दें कि अमेरिका ने 104 भारतीय प्रवासियों को स्वदेश वापस भेजा है। इनमें 48 लोगों की उम्र 25 साल से कम है और 13 लोग नाबालिग हैं। इसमें 4 साल का बच्चा भी शामिल है। यह अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के डिपोर्टेशन प्लान का हिस्सा है।