अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया सचिव ने कहा – कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन देने की वर्तमान व्यवस्था जटिल और आम कोरोना मरीजों के हितों के खिलाफ है, जिससे उन्हें बहुत परेशानी हो रही है
फतेहाबाद। कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा सरकार द्वारा कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन देने की वर्तमान व्यवस्था को जनविरोधी और अलाभकारी बताते हुए कोरोना मरीजों के लिए सभी अस्पतालों में अतिरिक्त ऑक्सीजन और एकल खिडकी (सिंगल विंडो) व्यवस्था शुरू करने की मांग की है। आज शनिवार को यहां पत्रकारों से बात करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया सचिव डॉ विनीत पुनिया ने कहा कि कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन देने की वर्तमान व्यवस्था जटिल और आम कोरोना मरीजों के हितों के खिलाफ है, जिससे उन्हें बहुत परेशानी हो रही है। जब कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन लगानी पड़ती है तो उनके हाथ-पैर फूल जाते हैं और उन्हें समझ नहीं आता की उन्हें ऑक्सीजन कहाँ से मिलेगी, कहाँ से ऑक्सीजन सिलिंडर मिलेगा और कहाँ से फ्लोमीटर जैसे यंत्र मिलेंगे।
डॉ पुनिया ने कहा कि फतेहाबाद स्वास्थ्य के मामले में हरियाणा का सबसे पिछड़ा जिला है, जहाँ स्वास्थ्य सुविधाएं सबसे कम हैं। यहाँ के अधिसंख्य कोरोना मरीजों को ऑनलाइन पोर्टल का ही नहीं पता, जहाँ उन्हें ऑक्सीजन मिल सकती है। मरीजों के परिवारजन को या तो जानकारी ऑनलाइन पोर्टल की जानकारी नहीं होती या उन्हें इंटरनेट की सुविधा और ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करने का तरीका नहीं पता होता। ऐसे में सरकार को अपनी हठधर्मिता छोडक़र ऑक्सीजन देने के लिए सभी अस्पतालों में अतिरिक्त ऑक्सीजन व्यवस्था और मिनी सेक्रेट्रिएट या जिला अस्पताल में 24 घंटे खुली रहने वाली सिंगल विंडो व्यवस्था करनी चाहिए, जहाँ कोई भी मरीज दिन के किसी भी समय आकर, अपने डॉक्टर द्वारा दी गयी प्रिस्क्रिप्शन दिखाकर वहीँ से भरा हुआ यंत्रयुक्त ऑक्सीजन सिलिंडर ले जा सके। जरूरत पूरी होने पर वह सिलिंडर वहीँ जमा हो जाए। आम लोगों के पास न तो ऑक्सीजन सिलिंडर होता है, न ही अन्य यंत्र, और न ही वो उसके बाद किसी काम आएंगे, ऐसे में सरकार को पूर्णत तैयार ऑक्सीजन सिलिंडर स्वयं उपलब्ध कराना चाहिए।
डॉ पुनिया ने कहा कि हमारे जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं सबसे कम उपलब्धता के चलते कोरोना के कारण 347 मौत अधिकृत रूप से हो चुकी हैं, जो जिले के कुल 15,734 कोरोना मरीजों पर बहुत बड़ा हिस्सा है। पूरे प्रदेश में कुल 7,28,607 कोरोना मरीज हुए, जिसमें से 7,317 मृत हुए, यदि पूरे प्रदेश में इसी अनुपात में कोरोना मृत्यु होती तो यह आंकड़ा 16,069 यानी आज से दो गुना से कहीं ज्यादा हो जाता।