इस फंगल इंफेक्शन को भी चिरंजीवी योजना में शामिल कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार शुरुआती दौर में ही इस बीमारी का पता चलने पर इसका इलाज संभव है
जयपुर। देशभर में कोरोना के साथ ही ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) का भी खतरा बढ़ता जा रहा है। राजस्थान में जिस तरह से घातक बीमारी ब्लैक फंगस के मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे प्रदेश में ब्लैक फंगस का इलाज मुफ्त में कराने का एलान किया है। राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि राजस्थान में ब्लैक फंगस के मरीजों का कोविड के ही अनुरूप इलाज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस फंगल इंफेक्शन को भी चिरंजीवी योजना में शामिल कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार शुरुआती दौर में ही इस बीमारी का पता चलने पर इसका इलाज संभव है।
राजस्थान में ब्लैक फंगस के 700 मरीज आए सामने
डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि राज्य में ब्लैक फंगस के अब तक करीब 700 मरीज मिल चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार अस्पतालों को सरकारी प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज करने के निर्देश दिए गए हैं। निजी अस्पतालों में भी ब्लैक फंगस की दवाइयों और इसके इलाज की दरें भी तय कर दी गई हैं। फिलहाल 20 सरकारी और निजी अस्पतालों को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए सूचीबद्ध किया गया है। वहीं, जो अस्पताल सरकारी नियमानुसार मानकों को पूरा करेंगे, उन्हें भी सूचीबद्ध किया जाएगा।
अस्पताल में ब्लैक फंगस के लिए अलग से वार्ड बनाकर हो रहा इलाज
बता दें, जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में ब्लैक फंगस के लिए अलग से वार्ड बनाकर निर्धारित प्रोटोकॉल के साथ मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीमें इस बीमारी से प्रभावित क्षेत्रों में डोर टू डोर सर्वे के लिए भेजी जा रही हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोरोना की दवाओं की तरह ब्लैक फंगस की दवाओं को भी केंद्र सरकार ने अपने नियंत्रण में ले रखा है। ऐसी स्थिति में दवाओं की आपूर्ति के लिए राज्य सरकार केंद्र से लगातार संपर्क में है।