हरियाणा में हर गरीब व्यक्ति के लिए कोविड-19 का मुफ्त इलाज सुनिश्चित
अब इलाज में गरीबी बाधक नहीं बन पाएगी
प्राइवेट अस्पताल में गरीब व्यक्ति के इलाज का खर्च भी सरकार द्वारा वहन
चंडीगढ़। कोविड-19 महामारी में हर व्यक्ति के लिए इलाज सुनिश्चित करने का मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सकारात्मक नीतियों का असर दिखाई देने लगा है। गत अप्रैल मास से लेकर इस मास के मध्य तक कोरोना ने जो खौफ पैदा किया था वह अब निरंतर कम होता दिखाई दे रहा है। गरीब परिवारों के लिए तो यह खौफ दोहरी मार कर देने वाला था, क्योंकि एक तरफ उनकी आय सीमित अथवा बंद ही हो गई और दूसरी तरफ बीमारी की हालत में वे इलाज का खर्च भी नहीं उठा सकते थे।
ऐसी व्यवस्था करने का बीड़ा उठाया जिसमें किसी भी हालत में कोई इलाज से वंचित न रहे
संकट की इस घड़ी में गरीबों की इस पीड़ा को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के संवेदनशील मन ने उस समय भलीभांति समझ लिया जब पिछले दिनों उन्होंने स्वयं 17 जिलों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। तभी उन्होंने ऐसी व्यवस्था करने का बीड़ा उठाया जिसमें किसी भी हालत में कोई इलाज से वंचित न रहे। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों का इलाज तो मुफ्त किया ही, प्राइवेट अस्पतालों में भी उनके इलाज का खर्च सरकार द्वारा वहन करने की व्यवस्था बना दी। इससे उन लाखों परिवारों को कोरोना के अंधकार में उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है जिनके पास इलाज के लिए कोई पैसा नहीं है।
कोविड-19 के इलाज को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने गरीबों की जिंदगी बचाने के लिए न केवल कोविड-19 के इलाज को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा, बल्कि उन बी.पी.एल परिवारों के मरीजों के प्राईवेट अस्पतालों में ईलाज का पूरा खर्च भी देने का निर्णय किया, जो किसी कारण आयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत न हो सके।
सब प्रकार की आर्थिक सहायता उनके बैंक खातों में दी जा रही है
यही नहीं सरकार ने घर पर ही आइसोलेशन में भी उपचाराधीन बी.पी.एल. परिवारों के कोरोना मरीजों के लिए भी प्रति मरीज 5,000 रुपये देने का निर्णय किया है।
प्रदेश के गरीब परिवारों को परिवार पहचान पत्र पोर्टल से जोड़ा गया है और उन्हें मिलने वाली सब प्रकार की आर्थिक सहायता उनके बैंक खातों में दी जा रही है। जिन परिवारों के बैंक खाते किसी कारण से परिवार पहचान पत्र पोर्टल पर सत्यापित नहीं हो पाए हैं, उन्हें उनके मोबाइल नम्बर पर आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए एस.एम.एस. संदेश भेजे जा रहे हैं।
‘क्योंकि हर जिंदगी अनमोल है’
मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल सरकारी अस्पतालों से महामारी का सामना नहीं हो सकता। इसलिए हमने प्राइवेट अस्पतालों को भी इलाज में शामिल किया। हम यह भी जानते हैं कि गरीब आदमी प्राइवेट अस्पताल का खर्च नहीं उठा सकता। इसलिए हमने उस खर्च को भी वहन करने का निर्णय लिया। हमारा उद्देश्य हर हालत में हर मरीज की जिंदगी बचाना है, क्योंकि हर जिंदगी अनमोल है।