हरियाणा सरकार की टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट की कारगर रणनीति से ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष फोकस
-अगले दो दिन में डोर-टू-डोर स्वास्थ्य जांच कार्य पूरा होने की उम्मीद
-ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से लड़ाई में कारगर बनी हरियाणा सरकार की हरियाणा ग्रामीण स्वास्थ्य जांच योजना
चंडीगढ़, 27 मई। हरियाणा देश में ऐसा पहला राज्य बन गया जिसने कोविड-19 की वैश्विक महामारी को ग्रामीण क्षेत्रों में नियंत्रित करने के लिए विशेष फोकस किया। ग्रामीण क्षेत्र में बसने वाली आबादी के स्वास्थ्य की सुरक्षा व कोविड-19 के संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए हरियाणा में हुए उल्लेखनीय कार्य को लेकर केंद्र ने भी देश के अन्य राज्यों को इसी प्रकार की कुशल रणनीति पर काम करने के लिए प्रेरित किया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने न केवल स्वयं प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में जारी स्वास्थ्य संबंधी कार्यों की मॉनीटरिंग की बल्कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को भी फील्ड में भेजा। जिन गांवों में कोविड-19 संक्रमण के मामले अधिक थे वहां पर विलेज आइसोलेशन सेंटर बनाए गए और हर जिला में डीसी ने स्वयं इन सेंटर्स पर उपलब्ध सुविधाओं का मौके पर निरीक्षण किया।
हरियाणा सरकार ने कम समय में ग्रामीण क्षेत्र की आबादी के एक बड़े हिस्से की स्क्रीनिंग करते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए जिससे कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोका जा सका। हरियाणा सरकार ने टेस्ट, ट्रेक व ट्रीट की रणनीति पर गंभीरता से कार्य किया जिसके चलते आगामी दो दिनों के अंदर ग्रामीण आबादी के स्वास्थ्य जांच का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
गांवों में मिशन मोड से हुआ स्क्रीनिंग का काम
गौरतलब है कि मई माह में जब देश भऱ में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढऩे लगे तो हरियाणा में भी यह लहर अपना असर दिखाने लगी। हरियाणा सरकार ने भी शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों को भी मॉनीटर करना शुरू किया। एनसीआर क्षेत्र के अनेक गांव, जहां से लोगों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व अन्य बड़े शहरों में नियमित रूप से आना-जाना लगा रहता था वहां पर हॉट-स्पॉट जैसे हालात हो गए। स्वास्थ्य विभाग ने बिना देर किए एक ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रतिबद्ध कार्यक्रम हरियाणा ग्रामीण स्वास्थ्य जांच योजना तैयार की। इस कार्यक्रम के तहत 8000 टीम तैयार की गई, जिनका कार्य घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच करना और कोविड-19 पोजीटिव मरीजों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट करना था। इन टीमों के कार्य के प्रति समर्पण व स्वास्थ्य के प्रति ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती जागरुकता को देखकर यह भी अनुमान हो गया है कि आगामी दो दिनों के भीतर ग्रामीण आबादी के स्वास्थ्य की जांच का कार्य पूरा हो जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत कम समय के भीतर आबादी के बड़े वर्ग की जांच से कोविड-19 नियंत्रण पर एक हद तक नियंत्रण पा लिया गया है।
एक लाख से अधिक के हुए टेस्ट
कोविड-19 संक्रमण की चेन को तोडऩे के लिए सबसे प्रमुख कार्य टेस्टिंग का होता है। हरियाणा ग्रामीण स्वास्थ्य जांच योजना के तहत हरियाणा में एक लाख सात हजार 852 (90,474 रैपिड एंटीजन टेस्ट व 17,378 आरटी-पीसीआर टेस्ट) लोगों के सेंपल लिए गए। जिनमें 3781 मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव मिली। गांव-गांव पर समय पर टेस्ट होने से कोरोना संक्रमित मरीजों की शीघ्रता से पहचान हुई और उन्हें परिवार के अन्य सदस्यों से अलग आइसोलेट करते हुए कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सका।
ट्रैकिंग से सवा करोड़ लोगों की हुई जांच
ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 नियंत्रण के लिए टेस्टिंग के बाद दूसरा प्रमुख कार्य ट्रैकिंग का रहा। स्वास्थ्य कर्मियों ने दिन रात घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच की। इन टीमों ने मिशन मोड पर काम करते हुए 15 मई से आज तक 25 लाख 49 हजार 464 घरों में पहुंच कर करीब सवा करोड़ लोगों के स्वास्थ्य की जांच की। इतना हीं नहीं डोर टू डोर स्क्रीनिंग से खांसी-जुकाम-बुखार के 91,439 मरीजों की पहचान हुई और उन्हें भी समय पर उपचार दिया जा सका।
समय पर ट्रीटमेंट से पॉजीटिविटी रेट में आया सुधार
हरियाणा सरकार के इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य ग्रामीण स्तर पर आवश्यक संसाधन जुटाना रहा लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री व उनकी टीम ने इसे चुनौती के तौर पर लेते हुए यह कार्य आसान कर दिया। गांवों में स्थित पीएचसी-सीएचसी में आक्सीजन बेड, वेंटीलेटर व आवश्यक दवाओं में बढ़ोतरी बल्कि ग्राम स्तर पर 1746 विलेज आइसोलेशन सेंटर खोल दिए। जिनमें आक्सीजन बेड व अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए। इन सेंटर में 21399 बेड कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध है। इतना हीं होम आइसोलेट मरीजों को आक्सीमीटर, थर्मामीटर सहित 15 अलग-अलग आइटम युक्त किट भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य में अब तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा 24,550 मरीजों को यह किट दी जा चुकी है।