जन सरोकार ब्यूरो
रोहतक। रोहतक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गांव में अधिकारियों का अनोखा कारनामा सामने आया है। यहां 16 साल पहले विधवा हुई महिला के पति को अधिकारियों ने जिंदा दिखा दिया। यही नहीं इसके बाद महिला की पेंशन भी काट दी गई। परेशान महिला पिछले करीब 9 महीने से अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट रही है। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही।
पीड़ित महिला पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गांव सांघी निवासी बबली मंगलवार को समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में पहुंची। उन्होंने कहा कि उनके पति की बाल किशन की मौत 16 साल पहले हो गई थी। पति की मौत संबंधित सभी कागजी कार्रवाई करने के बाद विभाग ने उसकी विधवा पेंशन शुरू कर दी थी। लगभग 16 साल वर्ष 2021 तक विधवा पेंशन का लाभ लेती रही। बबली ने बताया कि इस वर्ष की शुरूआत में उसकी पेंशन काट दी गई। जिसके बाद वे समाज कल्याण विभाग कार्यालय में चक्कर काट रहे हैं। लगभग 8-10 बार ऑफिस में आकर कर्मचारियों व अधिकारियों से मिली, लेकिन कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई। कर्मचारियों ने यहां तक कहा कि अब कहीं भी चक्कर काट ले, उनकी पेंशन नहीं मिलेगी।
विधवा बबली देवी ने बताया कि वह घर में अकेली है। वह अपना गुजारा मिलने वाली विधवा पेंशन से चलाती थी। उम्र अधिक होने के कारण मजदूरी भी नहीं कर सकती। लेकिन पिछले 8-9 महीनों से पेंशन नहीं मिलने के कारण घर खर्च चलाने में भी परेशानी हो गई। जिसके कारण उन्हें कर्ज लेना पड़ा। अब उनके सिर पर 7-8 हजार रुपये का कर्ज भी हो गया है।
बबली देवी ने अपनी गरीबी बयां करते हुए कहा कि बरसात के दिनों में उसके मकान की छत गिर गई थी। जिसके कारण मजबूरन उन्हें गांव की चौपाल में डेरा डालना पड़ा। क्योंकि घर में रहने पर छत गिरने का डर बना रहता था। ऐसे में वह अपने घर में भी सुरक्षित नहीं रही। उन्होंने मकान की मरम्मत या निर्माण की भी गुहार लगाई।
पीड़ित बबली जब समाज कल्याण विभाग कार्यालय में पहुंची तो समाज कल्याण अधिकारी नहीं मिले। उनके स्थान पर असिस्टेंट राजेश मलिक ने बबली देवी से बातचीत की। उनके दस्तावेज लिए और आश्वासन दिया कि जल्द ही पेंशन बहाल कर दी जाएगी। अब उन्हें दोबारा पेंशन के लिए चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। जो पिछली पेंशन है वह भी आ जाएगी।