किसानों द्वारा धान की फसल के अवशेष जलाने से बढ़ रहा धुआं, सरकार ने लागू की ग्रेप स्टेज टू गाइडलाइन

जन सरोकार ब्यूरो
चंडीगढ़। किसानों द्वारा फसल अवशेषों को आग लगाने के कारण वातावरण में धुआं बढ़ना शुरू हो गया है। गेहूं की बिजाई का काम शुरू होते ही किसानों ने फसल अवशेषों को जलाना शुरू दिया है। स्थिति यह है कि प्रदेश के 7 जिलों में हवा की गुणवत्ता खराब होती है तथा एक्यूआई हानिकारक स्तर पर पहुंच गया है। प्रदेश के 7 जिले धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, मेवात, रोहतक, बहादुरगढ़ और चरखी दादरी में एयर क्वालीटी इंडेक्स 300 के पार पहुंच गया है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।
ग्रेडिड रिस्पाॅन्स एक्शन प्लान की गाइडलाइन लागू
प्रदेश में लगातार बिगड़ी आबोहवा के चलते प्रदेश सरकार ने ग्रेप यानि ग्रेडिड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान की स्टेज टू गाइडलाइन लागू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसी के साथ ही कन्स्ट्रक्शन प्लेस पर एंटी स्मॉग गन का प्रयोग करने को कहा गया है। इसके अलावा उद्योगों और खेतों की निगरानी के लिए भी विशेष टीमें गठित की गई हैं।
अभी 15 दिन और चलेगा सीजन
यहां बता दें कि धान की कटाई का करीब 45 फीसदी काम पूरा हुआ है तथा गेहूं की बिजाई अगले सप्ताह से तेज हो जाएगी। इसलिए इन दिनों में किसान फसल अवशेष अधिक जलाएंगे। प्रदेश में अगले 15 दिन हवा की गुणवत्ता की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं।