हरियाणा के जिला यमुनानगर में दो बच्चों में मिले मंकी पाक्स जैसे लक्षणों के बाद स्वास्थ्य विभाग पानीपत के अधिकारी अलर्ट हो गए हैं। सिविल सर्जन कार्यालय से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आइएमए) को एडवाइजरी की प्रतिलिपि ई-मेल कर दी है। निजी चिकित्सकों को ट्रेनिंग देकर रोग के लक्षण बताए गए हैं।
डिप्टी सिविल सर्जन डा.सुनील संडूजा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन, स्वीडन, नाइजीरिया, कनाडा, आस्ट्रेलिया, यूरोप, बेल्जियम, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस और अमेरिका सहित 21 देशों से आने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है। सरकारी या निजी अस्पताल में मंकी पाक्स का आशंकित मरीज मिलने पर तुरंत सिविल सर्जन कार्यालय में सूचना देनी होगी। आशंकित मरीज खुद को घर में आइसोलेट कर ले।
एम्स दिल्ली भेजा जाएगा सैंपल
शरीर पर निकले दानों का स्वाब सैंपल लेकर एम्स दिल्ली भिजवाया जाएगा। उसके संपर्क में आए लोगों के सैंपल भी लिए जाएंगे। सीएचसी-पीएचसी और ईएसआई अस्पताल के मेडिकल आफिसर को भी एडवाइजरी की कापी भेजी गई है। संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है। यही कारण है कि मरीज को 21 दिनाें तक आइसोलेट रहना होगा।
यह है मंकी पाक्स
मुख्य रूप से चूहे, गिलहरियां और खरगोश जैसे जानवरों से फैलता है। जानवरों से होकर इंसानों में यह वायरस तेजी से पहुंचता है। यह बीमारी घावों, शरीर के तरल पदार्थ और दूषित सामग्री से फैलता है। मरीज के संपर्क में आने, उसके उपयोग की वस्तुओं को छूने से यह बीमारी अन्य लोगों तक पहुंच जाती है। कोरोना महामारी के दौरान मंकी पाक्स बड़ा खतरा है।