बीजेपी से रिश्ता खत्म होने के बाद दुष्यंत चौटाला से सरकार ने सुरक्षा भी वापिस ले ली
आरके सेठी
चंडीगढ़, 12 मार्च। करीब चार साल से हरियाणा में बीजेपी नीत सरकार में हिस्सेदार रही जननायक जनता पार्टी को बीजेपी ने बड़ा ही बेआबरू कर सरकार से रुखसत किया है। और सिर्फ इतना ही नहीं कि रिश्ता तोड़ा है बल्कि पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल के पौते और जेजेपी के सर्वेसर्वा दुष्यंत चौटाला की पार्टी को बिखेरने में भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।
हालांकि, इस बात में कोई दोराय नहीं कि दुष्यंत चौटाला ने बतौर डिप्टी सीएम सरकार में जेजेपी की हिस्सेदारी को बनाए रखने की हरमुमकिन कोशिश की। लेकिन, बीजेपी ने अपनी सियासी नफे-नुक्सान का बही-खाता जब एक-दो बार नहीं बल्कि कई बार चेक कर लिया तो उसे नुक्सान ही दिखा। जाहिर है, ऐसे हालात में बीजेपी को वफादारी साबित कर रही जेजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता तो दिखाया ही जाना था।
सोमवार को ही दुष्यंत बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले और हिसार व भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर टिकट का दावा किया था। मंगलवार सुबह जब हरियाणा में यह सियासी खेल शुरू हुआ तो उसी वक्त डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने अपने विधायकों को चंडीगढ़ बुला लिया। किंतु, दुष्यंत की पार्टी जेजेपी के दस विधायकों में से सिर्फ पांच विधायक ही उनकी बैठक में पहुंचे। बाकी पांच विधायक रामकुमार गौतम, रामनिवास सुरजाखेड़ा, जोगी राम सिहाग, ईश्वर सिंह और देवेंद्र बबली बीजेपी के संपर्क में रहे। इतना ही नहीं, शाम होते-होते बीजेपी से रिश्ता खत्म होने के बाद दुष्यंत चौटाला से सरकार ने सुरक्षा भी वापिस ले ली।