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पूर्व विधायक, मार्केटिंग कमेटी चेयरमैन, मंडल अध्यक्ष, दर्जनों पार्षदों, सरपंचों समेत आदमपुर से कांग्रेस में बंपर जॉइनिंग

रैशनलाइजेशन पॉलिसी के खिलाफ दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने किया शिक्षकों के आंदोलन को समर्थन का ऐलान

चंडीगढ़, 22 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में रैशनलाइजेशन पॉलिसी के खिलाफ जारी शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों के आंदोलन को कांग्रेस की तरफ से समर्थन का ऐलान किया है। दीपेंद्र हुड्डा आज चंडीगढ़ में एक पत्रकारवार्ता को संबोधित कर रहे थे। कलायत से पूर्व विधायक बनारसी दास वाल्मिकी, आदमपुर से सुखबीर डूडी(पूर्व चेयरमैन), बीजेपी नेता सोमबीर लांबा, बीजेपी की टिकट के प्रबल दावेदार रहे ओबीसी नेता हनुमान वर्मा, आरएसएस प्रचारक कुलदीप काजला, बीजेपी किसान मोर्चा के नेता रमेश कुमार, मंडल अध्यक्ष, दर्जनों पार्षदों, सरपंचों, कुछ दिन पहले ही आम आदमी पार्टी में शामिल हुए कार्यकर्ताओं समेत सैकड़ों की तादाद में बीजेपी, जेजेपी व अन्य दलों के नेता-कार्यकर्ताओं ने इस मौके पर कांग्रेस का दामन थामा। आदमपुर और हिसार से लगातार कांग्रेस में हो रही जॉइनिंग से उत्साहित दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने दावा किया कि आने वाले उपचुनाव में कांग्रेस की जीत तय है। आदमपुर में जिस तरह से लोगों का रुझान और समर्थन कांग्रेस को मिल रहा है, वह बताता है कि पूर्व विधायक से हलके की जनता खासी नाराज है। उनकी कार्यशैली और हलके में उनकी गैर-मौजूदगी से जनता में रोष है। उन्होंने हलके के विकास के बारे में ना कभी कोशिश की और ना ही कभी संघर्ष किया। यही वजह है कि आज आदमपुर में आधारभूत सुविधाओं के लिए लोग तरस रहे हैं। सड़कों में गड्ढे और जलभराव जैसी समस्याओं से लोग परेशान हैं। जनता कांग्रेस की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है। ज्वाइनिंग के बाद पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पहले इस सरकार ने खेती को निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया, फिर सेना में ठेकाप्रथा की शुरुआत की और अब सरकार शिक्षा तंत्र को भी निजी हाथों में सौंपने के मिशन पर आगे बढ़ रही है। यही वजह है कि चिराग योजना के बाद सरकार ने रैशनलाइजेशन पॉलिसी लागू की है। स्कूलों के लिए यह व्यवस्था इतनी घातक है कि तमाम शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों को सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करना पड़ रहा है। कांग्रेस भी हर मंच और हर मोर्चे से इस नीति का विरोध करेगी। क्योंकि यह दलित, पिछड़े, ग्रामीण, गरीब और किसान वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने का फैसला है। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि बिना कोई भर्ती किए सरकारी स्कूलों से टीचर्स के पद खत्म किए जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर ग्रीष्मकालीन विधानसभा सत्र के दौरान सरकार ने बताया था कि प्रदेश के स्कूलों में अध्यापकों के 38,476 पद खाली हैं। लेकिन बिना कोई नई भर्ती किए मॉनसून सत्र आते-आते सरकार ने खाली पदों की संख्या घटाकर 35,980 कर दी। इसी तरह सरकार चिराग योजना और रैशनलाइजेशन लागू करके आने वाले दिनों में लगभग 20,000 शिक्षकों के पदों को खत्म करने जा रही है।दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पहले 196 और अब 105 स्कूलों को बंद करके सरकार अपने मंसूबों को जाहिर कर चुकी है। इसी लिस्ट में 1057 और स्कूलों के नाम हैं, जिन्हें जल्द ही बंद किया जा सकता है। यह सरकार 450 स्कूलों में साइंस स्ट्रीम को बंद कर चुकी है।

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