कुश्ती में रवि दहिया, नवीन और विनेश फोगाट ने स्वर्ण जीता।
देश की आबादी में लगभग दो प्रतिशत भागीदार हरियाणा खेलों में अपना दबदबा कायम रखे हुए है। राष्ट्रमंडल खेलों में पहले की तरह ही इस बार भी हरियाणा के खिलाड़ी अपनी धाक जमा रहे हैं। पिछले दो दिनो से भी हरियाणा के खिलाड़ियों के पदक आने जारी है। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत अब तक 40 पदक जीत चुका है। शनिवार को नोंवे दिन भी हरियाणा के खिलाड़ी छाए रहे। कुश्ती में रवि दहिया, नवीन और विनेश फोगाट ने स्वर्ण जीता। तो वहीं पूजा सिहाग, पूजा गहलावत, दीपक नेहरा ने कुश्ती में कांस्य पदक जीता। इसके अलावा मुक्केबाजी में जैस्मिन ने ब्रांज मेडल जीता। साथ ही शनिवार को हरियाणा के तीन मुक्केबाजों ने अपना रजत पक्का कर फाइनल में जगह बना ली। रोहतक के मायना गांव के अमित पंघाल, झज्जर के सागर अहलावत और भिवानी की नीतू घनघस फाइलन में पहुंच गई है। इंग्लैंड के बर्मिंघम में शनिवार का दिन हरियाणा वालों के नाम रहा। हरियाणा के सोनीपत वासियों को झूमने का सबसे पहला मौका फरमाणा की लाडली पूजा गहलोत ने दिया। उन्होंने देश को कांस्य दिलाया। उसके बाद तो सोनीपत का डंका बजता चला गया। रवि दहिया ने सोना जीता तो छत्रसाल स्टेडियम में भारत मां के जयकारे लगने लगे। वहीं विनेश ने भी देश के लिए स्वर्णिम सफलता अर्जित की। खरखौदा में उसकी सास-ससुर व अन्य परिजन खुशी से झूमने लगे और मिठाइयां बांटकर खुशी को साझा किया। पुगथला के नवीन की जीत ने परिवार व ग्रामीणों में जोश भर दिया। सभी खुशी से नाचने लगे।
ऐसे खेलों में आगे बढ़ रहा हरियाणा
दरअसल खेलों में हरियाणा ने पिछले एक दशक से अभूतपूर्व तरक्की की है। इस तरक्की के पीछे सरकार की ओर से खेलों को लेकर किए गए अनूठे और लाजवाब प्रयोग भी हैं। मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच के बाद ही हरियाणा के गांवों में व्यायामशालाएं खोले जानी की पहल की गई है। यह बात दीगर है कि पंजाब, दिल्ली और राजस्थान सरीखे पड़ौसी प्रदेशों से भी हरियाणा खेलों में काफी आगे निकल गया है और अब इन राज्यों के खिलाड़ी भी हरियाणा जैसी सुविधाओं की आवाज उठाने लगे हैं। क्षेत्रफल और जनसंख्या के हिसाब से छोटे से राज्य हरियाणा के खिलाडिय़ों ने टोक्यो ओलम्पिक देश के आधे से पदक जीते। खिलाडिय़ों पर सरकार ने भी खूब मेहरबानी दिखाई। स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता को अढ़ाई करोड़ रुपए सरकार की ओर से दिए जाते हैं। पदक विजेताओं को प्लाट और सरकारी नौकरी भी जाती है। यह पूरे देश में एक मिसाल है।
टोक्यो ओलिम्पक में भी किया था कमाल
गौरतरब है कि भौगोलिक नजरिए से देश के छोटे राज्यों में शुमार हरियाणा ने पिछले कुछ समय से खेलों में लाजवाब प्रदर्शन किया है। अभी पिछले साल हुए टोक्यो ओलिम्पक में हरियाणा के खिलाडिय़ों ने एक स्वर्ण पदक सहित कुल तीन पदक देश की झोली में डाले। ओलम्पिक विजेताओं को हरियाणा में सबसे अधिक नगद राशि दी जाती है। इसके साथ ही पिछले कुछ समय में हरियाणा के स्कूलों में खेल नर्सरियां बनाने, गांवों में व्यायामशालाओं के बनाने, ग्रामीण खेल स्टेडियम बनाने, खेलों का बजट बढ़ाने, खिलाडिय़ों को ओलम्पिक की तैयारी के लिए नगद राशि देने सहित कई ऐसे कदम सरकार ने उठाए हैं, जिससे हरियाणा में खेल और खिलाडिय़ों का हुनर निखरा है।