2017 में पानीपत में दिया गया था बिजली बिल कलैक्शन का काम, चार अलग-अलग थानों में मामले दर्ज
पानीपत, 11 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम को कंपनी की ओर से 28 लाख 52 हजार रुपए का चूना लगाया गा है। निगम की ओर से इस कंपनी को बिजली बिलों के कनैक्शन का काम दिया गया था। जांच में ऐसा सामने आया है कि कंपनी की ओर से शुरूआती चार वर्ष में सही तरीके से काम किया गया। जब अनुंध की अवधि पूरी होने वाली थी तब अलग-अलग क्षेत्रों के उपभोक्ताओं से रुपए लेकर कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी फरार हो गए। इस मामले में बिजली निगम की ओर से पानीपत के चार अलग-अलग थानों में शिकायत दी गई है। शिकायत के आधार पर धारा 406 और 420 के अंतर्गत केस दर्ज किए गए हैं। यह चार मामले निगम के चार अलग-अलग सब डिवीजन से संबंधित हैं। इसराना बिजली निगम के एसडीओ रमेंद्र मलिक की ओर से इसराना थाना में दर्ज करवाया गया है। शिकायत के अनुसार कंपनी का उच्च अधिकारी केपी सिंह हैं। कंपनी को 2 जून 2017 को उपभोक्ताओं के बिजली बिल कनैक्शन काम दिया गया था और कंपनी का अनुबंध साल 2021 में पूरा हो गया। इसी कंपनी की ओर से अक्तूबर 2021 में उपभोक्ताओं से बिलों की राशि लेकर विभाग में जमा नहीं करवाई गई। आरोप है कि इसराना सब डिवीजन में आरोपी ने 2 लाख 57 हजार 392 रुपए का गबन कर लिया। मतलौडा सब डिवीजन में तो कंपनी ने 23 लाख 55 हजार का चूना निगम को लगाया। मतलौडा थाना में दी शिकायत में मतलौडा सब डिवीजन के एसडीओ ने बताया कि मतलौडा क्षेत्र में भी बिजली उपभोक्ताओं से बिल की राशि एकत्रित करने का काम उक्त कंपनी को ही दिया गया था। जिस कंपनी का ओवरऑल इंचार्ज केपी सिंह है। उक्त कंपनी ने उपभोक्ताओं से रुपए लेकर बिजली निगम को जमा नहीं करवाए हैं। कंपनी ने कुल 23 लाख 55 हजार 150 रुपए का घोटाला किया है। इसी प्रकार से कंपनी ने किला एरिया में 2 लाख 18 हजार रुपए जबकि समालखा एरिया में 21 हजार बिजली बिल आगे जमा नहीं करवाए।