असमर्थ हुए परिवारों को 5 हजार पेंशन और बच्चों को मुफ्त शिक्षा की मांग
रोहतक। प्रदेश सरकार कोरोना की महामारी का शिकार हुए लोगों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक मदद दे व जिन परिवारों में कोई कमाने वाला नहीं बचा है, उन्हें 5-5 हजार रुपये प्रति माह पेंशन दी जाए। साथ ही ऐसे परिवारों के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की जाए। यह मांग नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की है। हुड्डा का कहना है कि ये बात किसी से छिपी नहीं है कि सरकारी आंकड़ों और असल में हुई मौतों के आंकड़ों में बड़ा अंतर है। सरकार को सही आंकड़े जुटाने के लिए कोरोना काल में हुई मौतों का एक सर्वे करवाना चाहिए। इसमें हर घर, गली, गांव और शहर का सर्वे होना चाहिए।
सर्वे से प्राप्त आंकड़ों को सरकार वेबसाइट पर डालकर सार्वजनिक करे ताकि हर व्यक्ति को पता चल सके कि उसे गांव या इलाके में सरकार ने कितनी मौतें दर्ज की हैं। सरकार सही आंकड़े जुटाएगी तो ही भविष्य में कोरोना से लड़ पाएगी। क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि महामारी की तीसरी लहर आना बाकी है। अगर सच्चाई से मुंह फेरकर सरकार भ्रम में रहेगी तो दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर भी घातक साबित हो सकती है। इसलिए सरकार को जमीनी हकीकत का सही आंकलन करके पीडि़तों की मदद करनी चाहिए और अपनी व्यवस्थाओं में सुधार लाना चाहिए।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि महामारी के खिलाफ अगली कतार में खड़े होकर लड़ रहे कोरोना योद्धाओं का उत्साहवर्धन बहुत जरूरी है। सरकार को इनके लिए प्रोत्साहन राशि का ऐलान करना चाहिए। पूर्व सीएम ने कहा कि डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मियों के लिए 1-1 करोड़ रुपए की विशेष बीमा योजना और आंगनवाड़ी, आशा वर्कर, डिपो होल्डर, पुलिस, रोजवेज कर्मियों, मीडिया कर्मियों और घर से बाहर निकलकर काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए कम से कम 50 लाख तक की बीमा कवर योजना दी जानी चाहिए।