हिसार, 29 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): भाजपा नेत्री और अभिनेत्री सोनाली फौगाट की मौत के मामले की सीबीआई जांच की मांग से फिलहाल गोवा की सरकार ने इंकार कर दिया है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने साफ कहा कि गोवा पुलिस ने अच्छे से जांच की है और जांच रिपोर्ट हरियाणा डीजीपी को भेज दी गई है। साथ ही यह भी जोड़ा कि परिवार फिर अगर चाहेगा तो हम सीबीआई से जांच करवाने के बारे में विचार कर सकते हैं। ऐसे में यह तय है कि सीबीआई से जांच फिलहाल नहीं करवाई जाएगी। अगर ऐसा होता है तो आदपमुर में प्रस्तावित उपचुनाव में भाजपा को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा सकता है। सोनाली एक अभिनेत्री और टिकटॉक स्टार के साथ ही सियासत में भी सक्रिय रहीं और उन्होंने कुलदीप बिश्रोई के सामने आदमपुर से चुनाव भी लड़ा था। सोनाली की मौत के मामले में कई तरह के सवाल अभी भी सुलग रहे हैं। परिवार की ओर से इसे सियासी साजिश भी बताया गया है। परिवार पहले ही यह आशंका जाहिर कर चुका है कि आदमपुर में उपचुनाव से पहले सोनाली की मौत होना संदेह पैदा करता है। ऐसे में आदमपुर उपचुनाव में सोनाली की मौत, सीबीआई से जांच न करवाए जाना भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है। निश्चित रूप से सोनाली की मौत के मामले में कांग्रेस लगातार सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से अभी हमला कर रही है और चुनावी माहौल में सरकार पर विपक्षी नेता सीधे हमला करने से भी गुरेज नहीं करेंगे। गौरतलब है अक्तूबर 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए कुलदीप बिश्रोई ने 63,693 वोट हासिल करते हुए भाजपा उम्मीदवार सोनाली फौगाट को 29,471 वोटों के अंतर से हराया था। सोनाली को 34,222 वोट मिले थे तो जजपा के रमेश कुमार को करीब पंद्रह हजार वोट मिले। अब कुलदीप भाजपा में आ गए हैं और जजपा भी गठबंधन सरकार का हिस्सा है। पर कुलदीप के सामने चुनाव लड़ चुकी सोनाली इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसे में सियासी गलियारों में यह भी चर्चा कि सोनाली की मौत की सीबीआई से जांच न होने के बाद सोनाली का परिवार भी आने वाले समय में कोई बड़ा फैसला ले सकता है।
विपक्ष बनाएगा इसे बड़ा मुद्दा
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदयभान, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा के अलावा इनैलो के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय सिंह चौटाला भी मांग कर चुके हैं कि सोनाली फौगाट मौत मामले की जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिएं। आदमपुर विधानसभा सीट से त्यागपत्र देने वाले कुलदीप बिश्रोई भी कह चुके हैं कि सरकार को परिवार की बात माननी चाहिएं। अब गोवा के मुख्यमंत्री ने संकेत दिए हैं कि फिलहाल मामले की जांच पारदर्शी तरीके से गोवा पुलिस कर रही है। हालांकि हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने गोवा के सीएम को फोन कर सीबीआई से जांच करवाने की बात कही थी, पर अभी गोवा सरकार सीबीआई को केस ट्रासंफर करने से इंकार कर चुकी है। ऐसे में सीबीआई जांच की मांग कर रहे विपक्षी दलों के नेता आदमपुर उपचुनाव में भी इसे जरूर चुनावी मुद्दा बनाएंगे।
2 फरवरी से पहले चुनाव करवाना जरूरी
हरियाणा विधानसभा सचिवालय अधिसूचना के जरिये हिसार जिले की आदमपुर विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर चुका है। नियमानुसार विधायक की मृत्यु, त्यागपत्र, निर्वाचन रद होने अथवा अयोग्य घोषित होने से रिक्त हुई सीट पर चुनाव आयोग को छह महीने के भीतर उपचुनाव करवाना होता है। ऐसे में आदमपुर हलके में उपचुनाव दो फरवरी 2023 से पहले कराना होगा। हालांकि अगर कुछ विशेष परिस्थितियों में अगर निर्धारित छह माह की अवधि में उपचुनाव कराना संभव न हो तो चुनाव आयोग केंद्र सरकार के परामर्श से उपचुनाव करवाने की समय अवधि को आगे भी बढ़ा सकता है।
बरौदा और ऐलनाबाद में पहले ही हार चुकी है सरकार
गौरतलब है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में अक्तूबर 2014 से लेकर अब तक प्रदेश के बरौदा और ऐलनाबाद में उपचुनाव हुए हैं। अप्रैल 2020 में बरौदा के तत्कालीन विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा का निधन हो गया था। उसके बाद इस सीट पर नवंबर 2020 में उपचुनाव हुआ। उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार इंदुराज नरवाल ने भाजपा के योगेश्वर दत्त को करीब 10,566 वोटों के अंतर से हराया। इसी तरह से 27 जनवरी 2021 को ऐलनाबाद विधानसभा सदस्यता से अभय सिंह चौटाला ने इस्तीफा दिया। ऐलनाबाद में अक्तूबर 2021 में हुए उपचुनाव में अभय चौटाला ने भाजपा प्रत्याशी गोङ्क्षबद कांडा को करीब 6739 वोटों से चुनाव हराया। अब गठबंधन सरकार के कार्यकाल में आदमपुर में उपचुनाव होना है। भाजपा के लिए यह चुनाव बड़ी चुनौती है।