यमुनानगर: बुजुर्गों को ही नहीं बल्कि बूढ़े पेड़ों को भी पेंशन का इंतजार है। फरवरी 2021 में इसकी घोषणा की गई थी, लेकिन आज तक पेड़ों की पेंशन शुरू नहीं हो पाई। जिले में 565 पेड़ योजना के दायरे में हैं। ये ऐसे पेड़ हैं जो 70 वर्ष पार कर चुके हैं।
पेंशन की राशि संबंधित ग्राम पंचायत के खाते में जाएगी। ग्रामीण के साथ-साथ शहरी एरिया में ऐसे पेड़ों की संख्या कम नहीं है। वन विभाग की ओर से इनकी रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज दी गई है। इनमें अधिकांश पेड़ बरगद, पिलखन, पीपल व आम के हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने पेड़ हमारी धरोहर हैं। इन पेड़ों में खोखर होती है जिसमें पक्षी अंडे देते हैं। इस पर पक्षियों के छिपने की जगह भी पर्याप्त होती है। ऐसे में इन पेड़ों को बचाने से पक्षियों का भी संरक्षण होगा। यदि किसी की निजी जमीन पर पेड़ हैं तो उसके पेंशन की राशि जमीन मालिक को मिलेगा। सरकार की ओर से घोषणा होने के बाद वन विभाग की ओर से सर्वे करना शुरू कर दिया था। टीम ने ग्रामीण व शहरी एरिया में सर्वे किया और ऐसे पेड़ों की तलाश शुरू कर दी। सर्वे में ऐसे पेड़ भी सामने आए जिनकी उम्र 100 वर्ष पार हो चुकी है।
सरकार जल्द जारी करे पेड़ों की पेंशन
मुंडाखेड़ा के रमेश कुमार, मोहड़ी गांव सुरजा राम, ओम प्रकाश व तेजली के यामीन का कहना है कि बुजुर्ग पेड़ों की पेंशन की घोषणा जरूर हुई थी, लेकिन अभी तक इनको पेंशन मिलनी शुरू नहीं हुई है। सरकार की यह अच्छी पहल है। इससे पुराने पेड़ों का रख रखाव भी बेहतरी से हो सकेगा। साथ ही पेड़ कटने से बच जाएंगे। इस घोषणा को जल्द धरातल दिया जाना चाहिए। सरकार की घोषणा के मुताबिक इनकी पेंशन जारी करनी चाहिए। लगभग हर गांव में पुराने पेड़ हैं। यदि इन पेड़ों की पेंशन शुरू हो जाएगी तो भविष्य में पेड़ों की कटाई पर भी रोक लग सकेगी।